रावतभाटा से रोशन होगा राजस्थान! अब प्रतिदिन बनेगी 14 करोड़ की बिजली, ख़ुशी से खिल उठे वैज्ञानिकों और अधिकारियों के चेहरे

राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना में देश के तीसरे स्वदेशी 700 मेगावाट परमाणु रिएक्टर से व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। वर्तमान में इकाई 320 मेगावाट की 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालित हो रही है। इकाई से व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने पर नियंत्रण कक्ष में मौजूद वैज्ञानिक अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना के कार्यवाहक स्थल निदेशक डी. सुब्बाराव ने कहा कि देश के तीसरे स्वदेशी 700 मेगावाट परमाणु रिएक्टर की इकाई-7 का व्यावसायिक संचालन शुरू होना परमाणु ऊर्जा निगम, परमाणु ऊर्जा विभाग के लिए गौरव का क्षण है। इससे पहले काकरापार गुजरात साइट पर 700 मेगावाट की इकाई 3 व 4 के सुचारू संचालन के बाद रावतभाटा की इकाई-7 की सफलता भारतीय तकनीक का उदाहरण है।
ट्विन इकाई-8 पर रहेगा ध्यान
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना की इकाई-7 से व्यावसायिक विद्युत उत्पादन शुरू होने के बाद परियोजना की ट्विन इकाई-8 को क्रिटिकल बनाने पर ध्यान दिया जा रहा है। यूनिट चालू होने के बाद यूनिट-8 में परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड के सुरक्षा मानकों को अपनाते हुए काम किया जा रहा है।
रावतभाटा परमाणु ऊर्जा का हब है
इस समय रावतभाटा में छह यूनिट बिजली पैदा कर रही हैं, जबकि पहली यूनिट बंद है। यहां निर्माणाधीन 700 मेगावाट की यूनिट-8 के चालू होने के बाद 1400 मेगावाट की क्षमता से प्रतिदिन 14 करोड़ रुपए की बिजली पैदा होगी। इस परियोजना में प्रतिदिन 900 किलोग्राम यूरेनियम का इस्तेमाल होगा, जिसे बाद में थोरियम आधारित फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में इस्तेमाल करने की योजना है। आठवीं यूनिट 2025 तक पूरी हो जाएगी।
10 सितंबर 2024 को रिएक्टर ने काम करना शुरू किया
भारत के परमाणु सुरक्षा नियामक परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने 10 सितंबर 2024 को राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (आरएपीपी) की यूनिट-7 में नियंत्रित परमाणु विखंडन प्रतिक्रिया शुरू करने की अनुमति दी। एईआरबी के प्राधिकरण में रिएक्टर के मॉडरेटर सिस्टम में भारी पानी को शामिल करना और क्रिटिकलिटी के लिए पहला दृष्टिकोण शुरू करना शामिल है, जिसमें नियंत्रित परमाणु विखंडन शामिल है। इसमें कम शक्ति भौतिकी प्रयोगों का संचालन भी शामिल है। रिएक्टर के डिजाइन, निर्माण और परिचालन तत्परता के व्यापक मूल्यांकन के बाद यह निर्णय लिया गया।
अनेक घरों और उद्योगों के लिए आशा का प्रतीक
यूनिट-7 के वाणिज्यिक संचालन की उपलब्धि भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता की यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है। यह मील का पत्थर न केवल परमाणु प्रौद्योगिकी में देश की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है, बल्कि स्वच्छ और हरित भविष्य के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को भी मजबूत करता है। जैसे-जैसे यूनिट-8 बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो रही है, यह असंख्य घरों और उद्योगों के लिए आशा का प्रतीक है, जिन्हें विश्वसनीय और स्वच्छ ऊर्जा से लाभ होगा।