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कोटा में NEET Aspirant की आत्महत्या के बाद स्टूडेंट्स में दहशत का माहौल! वीरान हुआ छात्रावास, जानिए क्या है पूरा माजरा ?

 
कोटा में NEET Aspirant की आत्महत्या के बाद स्टूडेंट्स में दहशत का माहौल! वीरान हुआ छात्रावास, जानिए क्या है पूरा माजरा ?

कोटा न्यूज़ डेस्क -के जवाहर नगर इलाके का वह छात्र जहां बिहार निवासी कोचिंग छात्र हर्षराज शंकर ने आत्महत्या की थी, अब पूरी तरह से खाली हो गया है। आत्महत्या की घटना के बाद यहां रहने वाले सभी छात्र 'डर' से छुट्टी ले लिए गए हैं। इसका 28 प्लास्कि वेरान बना हुआ है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?

नौकरानी ने पूरी घटना बताई
डॉक्टर कपिल शर्मा ने बताया, 'हर्षराज शंकर तालाब में हुआ था। वह 20 मार्च को बिहार से कोटा लौटे थे। हर्ष के साथ उसके रिश्तेदार के बच्चे भी ऑर्केस्ट्रा के दूसरे द्वीप में रहते थे। मंगलवार रात किशोरों ने खाने के लिए हर्ष को बुलाया तो दरवाजा नहीं खुला। कुछ देर से प्रयास करने के बाद मुझे यह साड़ी जानकारी दी गई। तब मैं मशीन तक पहुंचा और गेट तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। तब मैंने पुलिस को घटना की जानकारी के लिए बुलाया। जब फैक्ट्री और फैक्ट्री आई तो हर्षराज रूम की सड़क से फाँसी हो गई। इसके बाद सिपाहियों ने शव को नीचे उतारकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया।'

कमरे में बोर्ड पर लिखा था- सोरी माँ पापा
छात्र हर्षराज शंकर ने आत्महत्या क्यों की? जांच स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्योंकि वह इस साल नीट परीक्षा में शामिल नहीं हुआ था। इस साल वह 12वें में शामिल हुए और अगले साल नीट एग्जाम में शामिल हुए। पुलिस ने जब कमरा खोला तो बोर्ड पर 'सोरी माँ पापा' भी लिखा था। लेकिन आत्महत्या उसने क्यों की, इस बारे में कुछ नहीं लिखा था. छात्र किस बात का तनाव में था? यह बात अभी तक नौकरानी को भी समझ नहीं आ रही है। उसके हाव-भाव से किसी तरह का तनाव नज़र नहीं आ रहा था। चौदह जवाहर नगर थाना पुलिस ने छात्र कक्ष को सीज कर दिया है। पुलिस कक्ष में मिले मोबाइल फोन की भी जांच कर रही है।


स्टूडेंट लीडर पेपर शर्मा ने बताया, 'हॉस्टल के सभी स्कॉर्पियो में एंटी हैगिंग लीग लगी हुई है। जिस कमरे में छात्र ने आत्महत्या की, उसमें भी एंटी हैगिंग की मांग की गई थी। छात्र ने पहले यूरोप से फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसमें वह शामिल हो रहा था। लेकिन फिर उसने कमरे और नौकर के बीच लोहे की सड़क पर लटककर लोहा कर ली।

पिता खेती करते थे, पढ़ाई में दर्जा प्राप्त छात्र थे
मृत छात्र हर्ष राज शंकर के पिता बिहार में खेती करते हैं। विद्यार्थी पिछले वर्ष अप्रैल माह में कोटा आया था। छात्रों से मिली जानकारी के अनुसार छात्र अध्ययन में औसत प्रदर्शन वाला छात्र था। वह नियमित रूप से कोचिंग जाती थी। मृतक के परिजन हर्ष राज शंकर का शव लेने के लिए आज बिहार से कोटा पहुंचे हैं। उनके अनुमोदन के बाद कुछ देर में शव संग्रहालय को फिर से शुरू किया जाएगा।