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कोटा में नया ट्रेंड! स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ अब पैरेंट्स को भी दि जा रही शिक्षा, जानिए किस बात की दी जा रही कोचिंग ?

 
कोटा में नया ट्रेंड! स्टूडेंट्स की पढ़ाई के साथ अब पैरेंट्स को भी दि जा रही शिक्षा, जानिए किस बात की दी जा रही कोचिंग ?

कोचिंग सिटी कोटा में एक नई पहल शुरू हुई है। यहां अभिभावकों को बच्चों को तनाव से दूर रखने और उनकी बेहतर देखभाल करने के लिए खास कोचिंग दी जा रही है। इस सेशन में अभिभावकों को बताया जा रहा है कि वे कहां गलती करते हैं? उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं? वे अपने बच्चों के साथ बेहतर संवाद कैसे स्थापित कर सकते हैं? इस सेशन में अभिभावकों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे अपने बच्चों को तनाव से कैसे दूर रख सकते हैं और उनकी बेहतर देखभाल कैसे कर सकते हैं। इस कोचिंग क्लास में विशेषज्ञ अभिभावकों को 'विशेषज्ञ' बना रहे हैं, ताकि वे अपने बच्चों की सही देखभाल कर सकें। 

कोचिंग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा के अनुसार, जब भी कोई छात्र तनाव में जाता है, तो उसके पीछे कई कारण होते हैं। इनमें से ज्यादातर परिवार से जुड़े होते हैं। अगर समय रहते इन कारणों को दूर कर लिया जाए, तो बच्चों को तनाव से बचाया जा सकता है। इस सेशन के जरिए विशेषज्ञ अभिभावकों को यही समझाने की कोशिश कर रहे हैं। कोटा में कोचिंग छात्रों को डिप्रेशन से दूर रखने की यह पहल सकारात्मक मानी जा सकती है। इससे अभिभावकों का नजरिया बदलेगा और बच्चों पर पड़ने वाला अनावश्यक दबाव कम होगा। उम्मीद है कि कोटा का यह प्रयास कोचिंग छात्रों को डिप्रेशन से दूर रखने में सफल होगा। हालांकि, यह पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले भी पुलिस और प्रशासन की ओर से छात्रों को 'तनाव मुक्त' रखने के लिए कई नवाचार किए गए हैं। यह अलग बात है कि वे बहुत सफल नहीं रहे।

कोटा शहर में करीब 1.75 लाख छात्र हैं
कोटा में देशभर से बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं। कोटा शहर में करीब 1.75 लाख छात्र हैं। शहर में कई कोचिंग सेंटर हैं। ज्यादातर बच्चे पीजी या हॉस्टल में अकेले रहते हैं। ऐसे में यह बड़ी समस्या होती है कि वे अपनी परेशानी किससे शेयर करें। कोटा में कई बच्चे पढ़ाई और अन्य कारणों से होने वाले तनाव के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।

अभिभावकों को एहसास हुआ कि वे कहां गलती कर रहे हैं
यह साफ है कि पढ़ाई के अलावा कई अन्य कारण भी हैं, जिन पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता। यह नई कोचिंग अभिभावकों को यही बताने की कोशिश कर रही है। इस सेशन में शामिल होने के बाद कई अभिभावकों को एहसास हुआ कि वे कहां गलती कर रहे हैं। इसके कारण उनके बच्चे डिप्रेशन में जा रहे थे। अब उन्हें समझ आ गया है कि अपने बच्चों को डिप्रेशन से कैसे दूर रखें।