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Kota एलन कोचिंग के विक्ट्री कार्निवल में नीट और जेईई टॉपर्स को सम्मानित किया गया

 
Kota एलन कोचिंग के विक्ट्री कार्निवल में नीट और जेईई टॉपर्स को सम्मानित किया गया
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की ओर से सफलता का उत्सव विक्ट्री कार्निवल रविवार को दशहरा मैदान में आयोजित किया गया। यहां नीट व जेईई-2023 के परिणामों में सफल रहे विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। शुरुआत में एलन के निदेशक डॉ. गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, डॉ. नवीन माहेश्वरी व डॉ. बृजेश माहेश्वरी ने दीप प्रज्ज्वलित किया। इसके बाद रैंक के आधार पर अलग-अलग बैच के अनुसार विद्यार्थियों का सम्मान किया। अभिभावकों को भी मंच पर बुलाया गया। कार्यक्रम में देशभर से करीब 2 हजार भावी आईआईटीयन एवं डॉक्टर्स शामिल हुए। उन्हें नकद पुरस्कार के साथ उपहार दिए गए। कार्यक्रम में निदेशकों ने कहा कि अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने के साथ अच्छा इंसान भी बने रहना है। अपने परिवार, समाज की सेवा का भाव सदैव मन में रखें।

कार्निवल परेड रही मुख्य आकर्षण

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कार्निवल परेड रही। परेड के दौरान कार्टून करेक्टर, विटेंज कार, जोकर, बैलेंसिंग गेम, डांस धूम सहित कई आकर्षण रहे। स्टूडेंट्स ने परेड में शामिल कलाकारों के साथ जमकर फोटो खिंचवाए और डांस किया। गेम जोन में स्टूडेंट्स ने कठपुतली का शो देखा तो किसी ने कैरम खेला, कोई जम्पिंग करने लगा तो किसी सर्कल फेंककर इनाम जीते। यहां विद्यार्थियों के मनोरंजन के लिए झूले भी लगाए गए। जिन पर उन्होंने जमकर आनंद लिया। खान-पान की अलग से स्टॉल्स लगाई गई। यहां पुराने दोस्त मिले तो यादें ताजा हो गई। उन्होंने पुराने किस्से याद किए।

कार्यक्रम में ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए सफलता प्राप्त की है, उनका भी मैडल पहनाकर सम्मान किया गया। इसमें सीकर से एक ही परिवार की ऋतु और करीना को मंच पर बुलाया गया। दोनों बहनों के पिता चरवाहा हैं तथा बीमारियों से ग्रसित हैं। वह भी बेटियों का सम्मान देखने के लिए परिवार के साथ कार्यक्रम में आए। वहीं, नीट की पढ़ाई के दौरान ही पिता की बीमारी के चलते अपना लीवर डोनेट करने वाली छात्रा स्नेहा ने पिता का सपना सच किया। पिता की मौत के बाद खुद को विचलित नहीं करते हुए सफलता प्राप्त की। इसी तरह छोटे से गांव के छात्र रामलाल भोई का सम्मान किया गया। जिसकी 11 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी, लेकिन रामलाल ने पढ़ाई का सफर नहीं रुकने दिया और नीट क्लीयर करके अब एमबीबीएस कर रहा है। कोटा के कंसुआ क्षेत्र की निवासी छात्रा कशिश ने खुद को साबित किया। पिता को पेरेलिसिस, बुजुर्ग दादा और मां के भरोसे चलने वाले परिवार की कशिश को आईआईटी जोधपुर में प्रवेश मिला।