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Kota में लगेगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन, कैंसर मरीजों को राहत

 
Kota में लगेगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन, कैंसर मरीजों को राहत

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा  मेडिकल कॉलेज के लिए खुश खबर है। मुयमंत्री भजन लाल शर्मा ने अपने बजट रिप्लाई में कोटा मेडिकल कॉलेज के लिए कैंस मरीजों की अत्याधुनिक सुविधा के लिए लीनियर एक्सीलरेटर मशीन की घोषणा की है। इससे कैंसर रोगियों को इलाज में राहत मिलेगी। बता दें कि इस मशीन की खरीद लागत 42 करोड़ रुपए है। इस मशीन के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बजट घोषणा में 27.50 करोड़ का बजट स्वीकृत भी किया था, लेकिन कम बजट होने से कोटा मेडिकल कॉलेज प्रशासन मशीन की खरीद नहीं कर सका। स्वीकृत राशि का उपयोग नहीं होने से बजट लैप्स हो गया। इसके चलते कैंसर मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया। राज्य की भाजपा सरकार से उमीद थी, जो पूरी हो गई। गौरतलब है कि  यह मुद्दा लगातार उठाती रही है।

हर साल ढाई हजार नए कैंसर मरीज आते हैं

कोटा संभाग में सरकारी क्षेत्र में कैंसर का एक ही विभाग है। कोटा में राजस्थान के अन्य जिलों व मध्यप्रदेश से सटे जिलों से बड़ी तादात में कैंसर मरीज इलाज को आते हैं, लेकिन आधुनिक सुविधाएं नहीं मिलने से उन्हें मुबई, अहमदाबाद, जयपुर व अन्य शहरों में जाना पड़ता है। ऐसे में मरीजों का समय व धन बर्बाद होते हैं। जबकि कोटा संभाग में हर साल नए ढाई हजार कैंसर मरीज आते हैं।

25 साल से कोबाल्ट मशीन से थैरेपी

एमबीएस अस्पताल में 25 साल से कोबाल्ट मशीन से ही कैंसर मरीजों को थैरेपी दी जा रही है। इससे कैंसर गांठ के आसपास की त्वचा पर असर पड़ता है और परिणाम भी सही नहीं आते। मशीन का सोर्स (रेडिशन देने वाला पार्ट) समयावधि पार हो चुका है। इस पुराने पार्ट के चलते रोगियों को रेडिएशन के सपर्क में ज्यादा रहना पड़ रहा है। इससे साइड इफेक्ट के खतरे बढ़ते हैं।

आधुनिक कैंसर यूनिट की जरूरत

कोटा मेडिकल कॉलेज में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन के अलावा ओपीडी, आईपीडी, मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, ओंको फिजिशियन, रेडिशियन थैरेपिस्ट, न्यूक्लियर मेडिसिन मशीन, पीईटी सीटी स्कैन की सुविधा की जरूरत है। मशीन की जरूरत पूरी हो चुकी है। जबकि कॉलेज में मेमोग्राफी, कोइल एमआरआई, आधुनिक सोनोग्राफी, डेडिकेट पैथोलॉजी, बायोस्पी जांच की सुविधा है। रेडियोथैरेपी, सर्जरी व गायनिक में ऑपरेशन की सुविधा है।

2008 से ही चल रही थी खरीद की प्रक्रिया

कोटा मेडिकल कॉलेज 2008 से ही नई आधुनिक लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीद की प्रक्रिया में लगा है। साल 2010 में पीपीपी मोड पर लीनियर एक्सीलरेटर मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए भवन का निर्माण भी हो गया, लेकिन बाद में फर्म ने हाथ खींच लिए। अस्पताल ने इसका अधिग्रहण कर एक बार फिर से टेंडर लगाए, लेकिन कोई फर्म आगे नहीं आई। पिछले साल भी कोशिश की गई और स्मार्ट सिटी से 15 करोड़ देना तय हो गया, लेकिन मशीन लगाने के लिए टेंडर में सामने आई फर्मो ने बजट ज्यादा बताया। 2023 में तत्कालीन राज्य सरकार ने अंतिम बजट में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन खरीद के लिए कोटा व अजमेर को 54 करोड़ की राशि जारी की। इसमें कोटा को 27.50 करोड़ की राशि मिली। उसके बाद टेंडर जारी किए, लेकिन कोई फर्म नहीं आई।