Kota कुछ अलग करके छात्रों के लिए आदर्श बन रहे हैं ये शिक्षक
सेवा का जज्बा : शिक्षा के साथ पूरी कर रहे जरूरत
राउमावि बड़गांव कोटा शहर में पदस्थापित व्यायाता एवं राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक मनोज भारद्वाज हर साल जरूरतमंद बालकों पर जेब से राशि खर्च करते हैं। इस साल राउमावि नयाखेड़ा में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मदद से कंप्यूटर लैब का निर्माण करवाया। बड़गांव स्कूल में भामाशाह मित्र की सहायता से शौचालय का निर्माण करवाया। 160 छात्र-छात्राओं को स्वेटर जर्सी दिलवाए। खेल मैदान के समतलीकरण का कार्य करवाया। 500 पौधे विद्यालय को भेंट किए। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्र-छात्राओं को डेस्क बुक वितरण एवं सहायक पुस्तिका वितरण कर मदद की। बोर्ड परीक्षा में अव्वल रहे छात्र-छात्राओं व शिक्षकों का समान किया। प्रोत्साहन राशि प्रदान की। निर्धन छात्र-छात्राओं की 12वीं कक्षा की बोर्ड फीस स्वयं जमा करवाई। गत 15 अगस्त को जिला स्तरीय समारोह में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उन्हें समानित किया।
नवाचार : स्कूल में बना दिया नि:शुल्क स्टेशनरी कॉर्नर
राजकीय प्राथमिक विद्यालय हरिपुरा मांदलिया में अध्यापक यशवंत कुमार शृंगी ने विद्यार्थियों की मदद के लिए नि:शुल्क स्टेशनरी कॉर्नर की स्थापना की, ताकि स्टेशनरी के अभाव में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, ज्ञान संपर्क पोर्टल के माध्यम से दान करने के लिए जनवरी 2024 में दानदाता माह पहल चलाई। इसके तहत प्रतिदिन दानदाताओं को जोड़ा। ऐसा विद्यालय विकास के लिए नवाचार करने वाला एक मात्र प्राथमिक विद्यालय रहा। इस नवाचार को करने पर जिला व राज्य स्तर पर अध्यापक यशवंत कुमार शृंगी को समानित किया गया। शृंगी बताते हैं कि अनुपयोगी व कबाड़ की सामग्री से उपयोगी व आकर्षक टीएलएम का निर्माण किया। गर्मी व सर्दी की छुट्टियों में भी अवकाश का सदुपयोग कर बच्चों को शिक्षा दी। विद्यालय को स्वच्छ बनाने के लिए अभियान चलाया गया। खेल मैदान की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया।
शैक्षिक उन्नयन का प्रयास: घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल से जोड़ा
सांगोद ब्लॉक के राउप्रावि नियाणा के शिक्षक सुखबीर पंकज का राज्य स्तरीय शिक्षक समान के लिए चयन हुआ है। पंकज सांगोद ब्लॉक से एकमात्र शिक्षक हैं, जिनका जयपुर में आयोजित होने वाले समारोह में समान होगा। सुखबीर स्कूल में शिक्षण कार्य के साथ भामाशाहों को प्रेरित करने का काम करते हैं। उनकी प्रेरणा से कई भामाशाहों ने बच्चों की जरूरत अनुसार सामग्री मुहैया करवाई है। उन्होंने घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। वहीं बच्चों का ठहराव स्कूल में रहे, इसके लिए भी खूब प्रयास किए। बोर्ड परीक्षा के उत्कृष्ट परिणाम के साथ ही बच्चों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण से जोड़ऩा और सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार कर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। शिक्षा में कमजोर बच्चों के शैक्षिक उन्नयन के लिए भी वो अलग से बच्चों को शिक्षा देते हैं।