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Kota Suicide Case: पिता बोले- बेटा अपनी मर्जी से आया था, चाचा ने कोचिंग संस्थानों पर उठाए सवाल

 
Kota Suicide Case: पिता बोले- बेटा अपनी मर्जी से आया था, चाचा ने कोचिंग संस्थानों पर उठाए सवाल

कोटा न्यूज़ डेस्क - नीट छात्र की आत्महत्या मामले में परिजन बिहार से कोटा आए थे। बेटे का शव देखकर पिता टूट गए। रोते हुए बोले- होली पर घर आया था। त्योहार के बाद वापस कोटा आ रहा था। तब मैंने कहा था- बेटा चार-पांच दिन और रुक जा, लेकिन वह नहीं माना। बोला- पापा मुझे पढ़ाई करनी है। पिता बोले- मेरा बेटा पढ़ाई में अच्छा था। वह अपनी मर्जी से पढ़ाई करने कोटा आया था। आखिरी बार 23 मार्च की रात 10 बजे बात हुई थी। उसने तनाव जैसी कोई बात नहीं बताई। बता दें कि हर्षराज शंकर (17) भेड़ी थाना इस्लामपुर, जिला नालंदा (बिहार) का रहने वाला था। अप्रैल 2024 से कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। फिलहाल जवाहर नगर इलाके में एक हॉस्टल में रह रहा था। मंगलवार दोपहर को वह अपने कमरे में फंदे से लटका मिला।

बिहार से एंबुलेंस लेकर आया परिजन
छात्र के पिता प्रवीण शंकर ग्रेड थर्ड टीचर हैं। हर्षराज दो बेटों में सबसे बड़ा था। बेटे की मौत की खबर मिलते ही वह अपने भाई और रिश्तेदारों के साथ कोटा पहुंचे। शव को गांव ले जाने के लिए बिहार से एंबुलेंस मंगाई है। बेटे की मौत के सदमे में उन्होंने कैमरे पर मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।

बच्चों की सुरक्षा पर काम करे सरकार
छात्र के चाचा राजीव ने कहा- कोटा में कोचिंग संचालक नोट छापने में व्यस्त हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है। राजस्थान सरकार को कड़ी निगरानी रखकर कार्रवाई करनी चाहिए। चाचा ने कहा- मैं सरकार पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन बच्चों के भविष्य के लिए जो विधेयक लाया गया है, सरकार को उसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा- मेरा भतीजा डेढ़ साल से यहां पढ़ रहा था। 24 मार्च को हॉस्टल से फोन आया। आपका बच्चा कमरा नहीं खोल रहा है। शीशा तोड़कर बताया कि आपका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा। चाचा ने कहा- भतीजा पढ़ाई में बहुत अच्छा था। राजस्थान सरकार को उन बच्चों के बारे में सोचना चाहिए जो बाहर से यहां पढ़ने आते हैं। परिजन यहां से उनके शव ले जाते हैं।