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Kota रोडवेज बस में यात्रा के लिए क्यूआर कोड स्केन कर करें भुगतान, सुविधाजनक व्यवस्था

 
Kota रोडवेज बस में यात्रा के लिए क्यूआर कोड स्केन कर करें भुगतान, सुविधाजनक व्यवस्था

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा   राजस्थान रोडवेज की बसें अब हाईटेक हो रही हैं। बसों में ऑनलाइन बुकिंग सुविधा के बाद अब टिकट लेना भी आसान होगा। टिकट काटने की व्यवस्था को हाईटेक किया गया है। यात्री डिजिटली पैमेंट कर टिकट ले सकेंगे। विभाग ने बसों में यात्रियों के लिए क्यूआर कोड से ऑनलाइन भुगतान कर टिकट लेने की व्यवस्था शुरू की है। कोटा समेत प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर चलने वाली बसों में क्यूआर कोड सेे ऑनलाइन भुगतान कर टिकट लेने की व्यवस्था की गई है। कोटा डिपो के मुख्य प्रबंधक अजय मीणा ने बताया कि सुविधा से यात्री व परिचालक दोनों का कार्य आसान हुआ है। प्रतिदिन करीब 1000 टिकट डिजिटल भुगतान से बनने लगे हैं। युवा ऑनलाइन पैमेंट करना पसंद करते हैं, ऐसे में यह व्यवस्था सुविधाजनक है। इससे पारदर्शिता आ रही है। यात्रियों को सुविधा से अवगत करवाने के लिए बसों में भी पर्चे चस्पा किए हैं।

खुल्ले का झंझट खत्म

बसों में क्यूआर कोड से किराए का भुगतान करने से परिचालकों के साथ यात्रियों का काम भी आसान हुआ है। भीड़ के बीच कई बार खुल्ले पैसे के अभाव में परिचालक बकाया राशि को टिकट के पीछे लिखकर देते हैं, लेकिन कई बार यात्री जल्दबाजी में लेना भूल जाते हैं। जेब में नकद नहीं होने पर भी यात्रियों को टिकट लेने में परेशानी नहीं होगी। ऑनलाइन भुगतान से परिचालकों को कम हिसाब-किताब रखना पड़ रहा है। राजस्व की चोरी व कम पैसे जमा कराने की शिकायत भी दूर हो रही है। रोडवेज प्रबंधन ने परिचालकों को टिकट काटने के लिए उपलब्ध करवाई गई मशीनों में विभाग का क्यूआर कोड इंस्टॉल किया है। टिकट काटते समय इसमें दो विकल्प आते हैं। एक कैश पैमेंट और दूसरा ऑनलाइन पैमेंट का। ऑनलाइन पैमेंट का विकल्प चुनने पर क्यूआर कोड मशीन की स्क्रीन पर आ जाता है। यात्री क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्केन कर भुगतान कर देता है। राशि रोडवेज के खाते में पहुंच जाती है। भुगतान होते ही परिचालक टिकट काटकर दे देता है। परिचालक बताते हैं कि व्यवस्था से कार्य काफी आसान हुआ है, लेकिन कई बार इंटरनेट की समस्या रहती है। कई गांव व कस्बों में नेट नहीं मिल पाता। जंगल व पहाड़ी इलाके में नेटवर्क नहीं मिलने पर टिकट काटने के लिए इंटरनेट की रेंज में आने का इंतजार करना पड़ता है।