Kota ओज के कवियों ने भरा जोश, हास्य कवियों ने गुदगुदाया, वीडियो में देखें रणकपुर जैन मंदिर का इतिहास
कोटा न्यूज़ डेस्क, भारत विकास परिषद की ओर से तीन माह से जन शिक्षण संस्थान के सहयोग से चल रहे निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण का समापन समारोह रोटरी बिनानी सभागार में हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर अनिल सिंगल रहे। विशिष्ट अतिथि भारत विकास परिषद के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री श्याम शर्मा, क्षेत्रीय सचिव संस्कार किशन पाठक एवं जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष आरपी गुप्ता रहे।मुख्य अतिथि सिंघल ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि श्याम शर्मा व किशन पाठक ने कहा कि महिला स्वावलंबन के लिए सभी शाखाओं को सतत प्रयास करने चाहिए। है। भारत विकास परिषद दक्षिण पूर्व प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष रवि प्रकाश विजय ने बताया कि शिविर में 25 महिलाओं ने सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त किया। दो बालिकाओं को सिलाई मशीन भेंट की गई।
सिटी रिपोर्टर | कोटा दशहरा मैदान में शुक्रवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन हुआ। सप्त कवियों ने ऐसी रसधार बहाई कि श्रोता देर रात तक प्रेम, ओज, हास्य और व्यंग्य की चंबल में हिलोरे लेते रहे। एक ओर जहां हास्य रस ने दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोट पोट कर दिया। वहीं, वीर रस का आगाज हुआ तो शौर्य से रोम-रोम रोमांचित हुआ। कवियों के व्यंग्य से समाज को आईना दिखाया तो प्रेम की फुहारों ने भी खूब भिगोया। कवि सम्मेलन की शुरुआत मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री मदन दिलवर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, मेला अध्यक्ष विवेक राजवंशी, मेलाधिकारी जवाहर जैन, अतिरिक्त मेला अधिकारी महेश चंद गोयल, एसपी सिटी अमृता दुहन, एलन के निदेशक बृजेश माहेश्वरी, प्रमोद माहेश्वरी, प्रेम भाटिया, पार्षद सोनू धाकड़, योगेन्द्र शर्मा, विजयलक्ष्मी आदि ने दीप प्रज्वलित करके की।
कवि सम्मेलन की शुरुआत अनामिका जैन अंबर ने देवी मां के 108 नामों "ब्रह्म जाया विशाला श्री ब्राह्मी..’ का पाठ करके की। इसके बाद सुदीप भोला के हास्य और वीर रस के जोड़ ने बेजोड़ समा बांधा। उन्होंने जैसे ही "राहुल की बुद्धि बढ़े, दीदी की ममता। योगी की शक्ति बढ़े, मोदी की क्षमता। कंगना मुंह बंद रख, कर जनसेवा... सुनाया तो मैदान तालियों से गूंज उठा। उन्होंने फौरी सियासत पर कई तीखे व्यंग्य बाण छोड़े।
"केसरिया लगाएला लिपस्टिक, यूपी के हर डिस्ट्रिक्ट योगी टॉप लगेलवा’, "बाबाजी को समझा था क्या कच्चा बादाम, साइकिल हुई धड़ाम’ जैसी रचनाएं सुना खूब गुदगुदाया। वहीं "पापा की परी रील बनाती हैं’ कविता सुना मोबाइल के दुरुपयोग का ऐसा जीवंत रूप प्रस्तुत किया कि हर श्रोता दहल उठा। उन्होंने अपनी बहुचर्चित कविता "वर्दियां’ भी सुनाई। वीर रस के कवि हरिओम पंवार के कविता पाठ ने नस नस में वीरता का रंग घोल डाला। भारत माता का प्यार लिए फिरता हूं वाणी में... सुना जैसे आग बरसा डाली।
पांच दशकों से भी ज्यादा समय तक दुनिया को पत्नी और चार लाइन क्षणिकाओं से गुदगुदा रहे सुरेंद्र शर्मा ने पूरे मेला मैदान को ठहाकों से गुंजायमान कर डाला। अनामिका जैन अंबर के "राम भक्त ही शासन करेगा दिल्ली के सिंहासन" के एक एक शब्द ने रोंगटे खड़े कर दिए। वहीं अरुण जैमिनी ने हरियाणवी लहजे में हास्य व्यंग्य की ऐसी रसधार बहाई कि हर कोई आनंद की बयार में बह उठा।मंच संचालन कर रहे शशिकांत यादव की वीर रस से ओतप्रोत कविताओं ने राष्ट्र भक्ति का समंदर ही उड़ेल दिया। वंदे मातरम जैसे गीत गाकर सभी श्रोताओं को जोश और जुनून से भर डाला। बहराइच पर उनकी कविता "अबके कोई भ्रम न पाले भारत मां को बांटेंगे" सुन श्रोताओं के रोंगटे ही खड़े हो गए। कोटा के बेटे जगदीश सोलंकी ने प्रेम और ओज कविता सुनाई।
