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Kota अब बारिश के साथ ही कॉर्निया पर भी पड़ रहा असर, आने लगे मरीज

 
Kota अब बारिश के साथ ही कॉर्निया पर भी पड़ रहा असर, आने लगे मरीज
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा बारिश के बीच ही गर्मी व उमस के कारण वायरल आई फ्लू का प्रकोप बढ़ गया है। इस बार इसका ट्रेंड बदल गया है। इन दिनों वायरल आई फ्लू से पीड़ित 15 से 20 रोगी रोजाना अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं। इनमें स्कूली बच्चे, युवा व बुजुर्ग सभी शामिल हैं। साथ ही कॉनिया पर भी असर देखने को मिल रहा है। वायरल आई फ्लू को ‘पिंक आई’ अथवा कंजंक्टिवाइटिस इंफेक्शन के नाम से जाना जाता है।नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि पहले बारिश के लगातार 4-5 दिन बाद आई फ्लू के रोगी आते थे, लेकिन इस बार बारिश की शुरुआत से ही आने लगे हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस बार कॉनिया पर भी असर देखने को मिल रहा है। इससे नजर कम हो रही है। आई फ्लू का असर सभी पर पड़ रहा है। हमारे पास रोजाना 5 से 10 केस आ रहे हैं। आई फ्लू के कम्यूनिटी स्प्रेड को रोकने के लिए हमें सावधानी रखना अति आवश्यक है। सीएमएचओ डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि चिकित्सा विभाग ने एहतियात बरतने की अपील की।

क्या है लक्षण

आंखें लाल होना व पलकों में सूजन होना।

आंखों में दर्द, कंकड़ जैसी चुभन होना। पानी बहना।

सवेरे उठते समय आंखें चिपक जाना।

कैसे करें रोकथाम

बरसात में गंदे पानी से आंखें नहीं धोएं, बरसात के पानी से आंखों को बचाएं।

भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, स्वीमिंग पूल, झरने, तालाब आदि में नहीं नहाएं।

हाथ मिलाने से बचें व संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं।

आई फ्लू होने पर बच्चों को चार-पांच दिनों के लिए स्कूल नहीं भेजें। ऑफिस में दूसरों के सम्पर्क में कम से कम रहें।

स्वच्छ तौलिये व रुमाल, स्टेराइल आई वाइप का प्रयोग करें।