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कोटा के NEET स्टूडेंट की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, वीडियो में जाने बड़ी वजह

नीट परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही स्टूडेंट्स में आक्रोश है। पेपर लीक, ग्रेसिंग मार्क्स सहित एनटीए पर कई आरोप लगे है। इस मामले में स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया........
 
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राजस्थान न्यूज़ डेस्क !!! नीट परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही स्टूडेंट्स में आक्रोश है। पेपर लीक, ग्रेसिंग मार्क्स सहित एनटीए पर कई आरोप लगे है। इस मामले में स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। मंगलवार को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नीट काउंसलिंग रोकने की याचिका खारिज कर दी और इसके साथ ही एनटीए से भी जवाब भी मांगा है। कोटा के भी करीब 17 हजार बच्चों की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई होना बाकी है। वहीँ, एनटीए के खिलाफ स्टूडेंट्स लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

 

कोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा

शिवांगी मिश्रा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें बिहार और राजस्थान के परीक्षा केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बांटे जाने से होने वाली अनियमितताओं की शिकायत की गई थी. याचिका में परीक्षा रद्द करने और एसआईटी जांच की मांग की गई है। मंगलवार को इस पर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से कहा कि NEET UG की पवित्रता प्रभावित हुई है, हमें जवाब चाहिए. जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने मामले की सुनवाई की।

कोटा से भी दायर हुई याचिका

कोटा के करीब 17 हजार बच्चों की ओर से शिक्षा विशेषज्ञ नितिन विजय ने सोमवार को याचिका दायर की. दायर जनहित याचिका में रिजल्ट के बाद की स्थिति का खुलासा किया गया है. मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय ने कहा- नीट परीक्षा में नियमितताओं को लेकर मोशन द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल सत्याग्रह के तहत 20 हजार से ज्यादा छात्रों ने अपनी शिकायत दी है. शनिवार को वह याचिका लेकर दिल्ली गये। छात्रों की मांग है कि NEET दोबारा कराया जाए या ग्रेस मार्क्स खत्म किए जाएं.

याचिका में अन्य सवालों में 67 छात्रों को ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर लाना, 8 छात्रों को एक सेंटर से फर्स्ट रैंक लाना, 720 में से 718, 719 अंक लाना, 10 दिन पहले रिजल्ट जारी करना और समय बर्बाद करने के नाम पर ग्रेस मार्क्स देना शामिल है उठाया गया. याचिका में कहा गया है कि एनटीए ने ये ग्रेस नंबर 2018 के कोर्ट के फैसले के आधार पर दिए हैं, ऊपर लिखा है कि ये मेडिकल और इंजीनियरिंग के मामले में लागू नहीं होंगे. किस छात्र का कितना समय बर्बाद हुआ, यह एनटीए ने सेंटर पर लगे सीसीटीवी कैमरों के आधार पर तय किया है, लेकिन इतने बच्चों की फुटेज देखना संभव नहीं है। इसलिए समय नष्ट होने पर एनटीए द्वारा ग्रेस नंबर देने का कोई आधार नहीं है। नितिन विजय ने कहा कि अभी तारीख नहीं मिली है.

एनएसयूआई और एबीवीपी ने किया विरोध प्रदर्शन

कोटा में एनएसयूआई और एबीवीपी ने एनटीए के खिलाफ प्रदर्शन किया. एनएसयूआई चला रही है हस्ताक्षर अभियान. सोमवार को कॉमर्स कॉलेज में अभियान की शुरुआत की गयी. मंगलवार को हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया. परीक्षा रद्द करने और मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई है. मंगलवार शाम को एनएसयूआई की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया जाएगा.