Aapka Rajasthan

Kota पहाड़ों की बीमारी मैदानी इलाकों तक पहुंची, डेंगू के मामले भी बढ़े

 
Kota पहाड़ों की बीमारी मैदानी इलाकों तक पहुंची, डेंगू के मामले भी बढ़े
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा बारिश के बीच कोटा शहर में डेंगू तो गांवों में स्क्रब टायफस बढ़ने लगा है। दोनों बीमारियों के मरीज सामने आ आने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को स्क्रब टायफस के 9 केस रिपोर्ट हुए हैं। इनमें झालावाड़ में 3, कोटा व बारां में दो-दो, बूंदी 1, भीलवाड़ा 1, श्योपुर एमपी 1 मरीज मिला है। मंगलवार को डेंगू के 3 केस सामने आए। इस साल स्क्रब टायफस के 81 व डेंगू के 85 केस सामने आ चुके है। जबकि पिछले साल अगस्त में कोटा जिले में स्क्रब टायफस के 51 केस सामने आए थे। एक मरीज की मौत हुई थी। सितम्बर में 47 मरीज मिले थे।

क्या है स्क्रब टायफस

सीनियर फिजिशियन डॉ. पंकज जैन के मुताबिक, स्क्रब टायफस एक गंभीर संक्रामक रोग है। इंसानों में इसका संक्रमण एक विशेष पिस्सु के काटने से होता है। यह अक्सर पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है, लेकिन बरसात के मौसम में यह मैदानों में झाड़ियों व घास में पाया जाता है। इसलिए यह ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों व बागवानी करने वालों को प्रभावित करता है। साथ ही युवाओं में बढ़ती ट्रैकिंग व कैंपिंग जैसी आउटडोर गतिविधियों के चलते भी इस बीमारी का जोखिम बढ़ा है। स्क्रब टायफस का अधिक प्रकोप जुलाई से अक्टूबर तक रहता है।

क्या है लक्षण

मरीज 104 से 105 डिग्री तक बुखार, सिर व बदन दर्द, खांसी, उल्टी, पेट दर्द जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंचता है। कुछ केसों में न्यूमोनिया के लक्षण भी दिखाई देते है। कुछ मरीजों में पिस्सु के काटने के स्थान पर धब्बेनुमा निशान दिखाई देता है। शरीर पर रेशेज भी देखे जा सकते है। तीव्र संक्रमण होने पर मरीज मानसिक संतुलन भी खो देते हैं। समय पर मरीज का इलाज नहीं मिलने से मरीज की जान भी जा सकती है। खून की एलाइजा जांच से स्क्रब टायफस की पुष्टि होती है। कई मरीजों में ट्राइग्लिसरॉइड लेवल भी बढ़ जाता है।