Aapka Rajasthan

Kota सुबह शाम रुझान, चुनाव प्रचार से ज्यादा जोर प्रतिद्वंद्वी को अपने साथ लाने पर

 
Kota सुबह शाम रुझान, चुनाव प्रचार से ज्यादा जोर प्रतिद्वंद्वी को अपने साथ लाने पर

कोटा न्यूज़ डेस्क, चुनाव से ठीक पहले से लेकर पार्टी के टिकट बंटने तक नेताओं का हृदय परिवर्तन होना आम बात है, लेकिन कोटा में इस बार जो हो रहा है, वह नया है. इस बार कोटा में टिकट वितरण के बाद दल बदलने का ऐसा सिलसिला चल रहा है कि बड़े नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं की फौज एक खेमे से दूसरे खेमे में जा रही है. दोनों पार्टियों ने चुनाव प्रचार से ज्यादा एक-दूसरे के खेमे में तोड़फोड़ करने में ताकत लगा दी है. पहले बड़े नेताओं ने पाला बदला, फिर मामला पार्षदों तक आया, अब संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दल बदल रहे हैं. मोटे तौर पर कहें तो इस दलबदल में कांग्रेस को ज्यादा नुकसान हुआ है, क्योंकि इस चुनाव प्रचार के दौरान उसके कई बड़े नेता और जन प्रतिनिधि बीजेपी में शामिल हो गए हैं. निगरानी के लिए टीमें तैनात: अब स्थिति यह है कि दोनों पार्टियों ने अपने नेताओं की निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात कर दी हैं. ऐसे सभी कार्यकर्ताओं पर नजर है जो कभी भी पार्टी बदल सकते हैं. दिनभर उनसे संवाद कायम रखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कोटा में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, टिकट की चाहत में बड़े नेता दल जरूर बदलते हैं, लेकिन पहली बार कार्यकर्ता समूह के रूप में दल बदल रहे हैं. कोटा में बीजेपी ने ये ट्रेंड शुरू कर दिया है.

इससे पहले बीजेपी के 3 पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए थे, अब भी रोजाना सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष रवीन्द्र त्यागी से सीधी बात

Q. क्या कारण है कि आपके लोग लगातार बीजेपी में जा रहे हैं?

- हमारे यहां भी आ रहे हैं. पहले भाजपा के तीन पार्षद आए थे, अब लगातार युवा कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

Q. आपके बड़े नेता बीजेपी में शामिल हुए, आप उन्हें संतुष्ट क्यों नहीं कर पाए?

- क्या वे यह बता सकते हैं? लेकिन हर पार्टी में महत्वाकांक्षी लोग होते हैं, जो यहां-वहां आते-जाते रहते हैं.

Q. क्या कोई बड़ा नेता आएगा? चुनाव घोषणापत्र कब आएगा?

-लोग कांग्रेस से खुश हैं. एक-दो दिन में राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे का कार्यक्रम फाइनल हो जायेगा. अगले एक-दो दिन में चुनावी घोषणापत्र भी जारी कर दिया जायेगा.

हम किसी को तोड़ नहीं रहे हैं, लोग खुद हमारी विचारधारा और नीतियों पर भरोसा जता रहे हैं।'

भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकुमार सोनी से सीधी बातचीत

Q. क्या कार्यकर्ताओं को लालच देकर बीजेपी में शामिल कराया जा रहा है?

- नहीं, किसी को जबरदस्ती नहीं ला रहा हूं। हर कोई हमसे जुड़ रहा है क्योंकि उन्हें बीजेपी और पीएम मोदी की नीतियों पर भरोसा है।' सबको पता चल गया कि कांग्रेस की बातें झूठी थीं.

Q. क्या पीएम के अलावा किसी बड़े नेता का कार्यक्रम बन रहा है?

- पीएम से बड़ा कौन? उनकी रैली ऐतिहासिक होने वाली है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है.

प्र. आपके चुनाव घोषणापत्र में कोटा के लिए क्या है?

- हमने कोटा में पुलिस कमिश्नरेट की बात की है। इसके अलावा पर्यटन और विकास की दृष्टि से कोटावासियों के कई सुझावों को इसमें शामिल किया गया है.

बीजेपी से कांग्रेस में आए

2018 में विरोधी थे पूर्व मंत्री बैरवा और दिलावर, अब साथ-साथ

कांग्रेस से बीजेपी में आये

अब पूर्व कांग्रेस नेता पंकज मेहता बीजेपी के प्रह्लाद गुंजल के साथ.

भंग

{अमीनपठान हज कमेटी के चेयरमैन और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे।

{अमीन के साथ दक्षिण निगम पार्षद आसमा पठान, पूर्व पार्षद रजिया पठान व अन्य नेता भी आए।

{भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष राकेश चौहान, पूर्व पार्षद शाहनाज कुरेशी

{पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से भाजपा में आईं ममता शर्मा इस चुनाव में कांग्रेस में लौट आईं।

{वरिष्ठ नेता खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

{रामगोपाल बैरवा, वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री

{श्याममीणा, पार्षद, कोटा उत्तर निगम

{प्रमिला वर्मा, पार्षद कोटा दक्षिण

{सुनील नरवाला, कोटा दक्षिण निगम में मनोनीत पार्षद

{इनके अलावा मेहता और बैरवा के समर्थक और संगठनों के पूर्व और वर्तमान पदाधिकारी भी भाजपा में शामिल हुए हैं।