Kota जोधपुर-भोपाल ट्रेन डिरेलमेंट मामले की जांच अब से मुख्यालय करेगा
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा जोधपुर-भोपाल ट्रेन के पटरी से उतरने के कारणों का 4 दिन बाद भी पता नहीं चल पाया है. अब मामले की जांच जबलपुर मुख्यालय से होगी। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि मामले की जांच के लिए जबलपुर के अधिकारियों को नामित किया गया है। अधिकारी जांच में जुटे हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ट्रेन के पटरी से उतरने के सही कारणों का पता चल सकेगा. इधर रेलवे सूत्रों का कहना है कि घटनास्थल पर नाला बना हुआ है. इस नाली के कारण नमी रहती है। इसी नमी के कारण लगातार चलती ट्रेन के वजन से ट्रैक थोड़ा धंस गया था. घटना वाले दिन यह ट्रैक और धंस गया। ट्रैक धंसने से डिब्बों का संतुलन बिगड़ गया। संतुलन बिगड़ते ही डिब्बों के बफर आपस में उलझ गए। इसके चलते ट्रेन के दो डिब्बे पटरी से उतर गए. स्पीड कम होने के कारण ट्रेन वहीं रुक गई। अन्यथा और भी डिब्बे पटरी से उतर सकते थे. हालांकि, कुछ सूत्र ये भी कह रहे हैं कि ट्रेन किसी पत्थर से टकराई. मौके से कुछ पत्थरों को कब्जे में ले लिया गया है.

यह मामला था
पांच जनवरी की रात जोधपुर-भोपाल ट्रेन (14813) के दो डिब्बे प्लेटफार्म नंबर चार पर आते समय पटरी से उतर गये थे. इस घटना से यात्रियों में हड़कंप मच गया. गनीमत यह रही कि इस घटना में कोई भी यात्री हताहत नहीं हुआ. इस घटना के कारण लाइन ब्लॉक होने से करीब आधा दर्जन ट्रेनें कुछ घंटों तक रुकी रहीं.
