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Kota यहां एक माह से खड़ा है कचरे का पहाड़, निगम बेखबर

 
Kota यहां एक माह से खड़ा है कचरे का पहाड़, निगम बेखबर 
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटप्रदेश में केन्द्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 शुरू हो गया है। कोटा में भी स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए केन्द्रीय टीम आने वाली है। इसके चलते स्वायत्त शासन विभाग की विशेष टीम ने गुरुवार को कोटा पहुंचकर हाड़ौतीभर के नगरीय निकायों के अधिकारियों की बैठक लेकर रैंकिंग में अव्वल आने और रैंकिंग सुधार के लिए किन-किन कामों पर फोकस करना है, इसके बारे में बताया। पिछले सर्वेक्षण के दौरान जो कमियां व गलतियां रही थी, उनको भी बताया। स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइड लाइन के अनुसार शहरी क्षेत्र में जो कचरा निकलता है, उसका 24 घंटे में निस्तारण करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर नबर कटेंगे। वहीं निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण कोचिंग बहुल क्षेत्र जवाहर नगर में एक माह से कचरे का पहाड़ खड़ा हुआ है। इसका निस्तारण नहीं हो रहा। इस कारण दुर्गंध से क्षेत्र के लोग बेहाल हैं। जवाहर नगर नाले की सफाई के दौरान सैकड़ों टन कचरा निकाला गया था। यहां कचरे का पहाड़ खड़ा कर दिया। इस कारण बेरिकेट्स लगाकर एक माह से रास्ता बंद कर रखा है।

अफसरों ने कार्यशाला में दी जानकारी

स्वायत्त शासन विभाग जयपुर की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 की तैयारी को गति देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला गुरुवार को जिला परिषद सभागार में हुई। इसमें यूडीएच के सहायक अभियंता गौरव सिंह ने बताया कि कैसे कोटा संभाग के सभी नगर निकायों को वार्ड स्तर पर स्वच्छता के लिए क्या काम करने हैं। समन्वयक शिववराज सिंह शेखावत ने 2023 के सर्वेक्षण में निकायों की ओर से की गई गलती के बारे में बताया। ठोस कचरा प्रबंधन विषेशज्ञ हेमंत ने बताया कि नगर निकाय दैनिक कचरे का 24 घंटे में निपटान कैसे कर सकते हैं। टीम सदस्य राहुल बंसीवाल ने स्वच्छ वार्ड रैंकिंग, सफाई मित्र समान आदि की जानकारी दी। कार्यशाला में डीएलबी की क्षेत्रीय उप निदेशक अनुपमा टेलर, उपायुक्त महावीर सिसोदिया, प्रकाशचन्द शर्मा, सहायक अभियंता रिचा गौतम व संभागभर के निकायों के अधिकारी मौजूद थे।

9500 अंक की रैंकिंग

अधिकारियों ने बताया कि स्वच्छता रैंकिंग के लिए कुल अंक 9500 हैं। इसमें से अलग-अलग श्रेणी में नबर दिए जाएंगे। केंद्र सरकार ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के लिए प्रारंभिक गाइड लाइन जारी कर कई अहम बदलाव किए हैं, इस बार सफाई की यह परीक्षा री-साइकिल, री-यूज, री-ड्यूज (आरआरआर) थीम पर है।

अंकों के लिए मापदंड

सेवा स्तर के 5705 अंकों के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर 30 फीसदी, स्वच्छता, उपयोगिता, जल प्रबंधन, सफाई मित्र सुरक्षा पर 22 फीसदी, दर्शनीय स्वच्छता पर 17 फीसदी, अलग-अलग कचरा संग्रहण एवं परिवहन पर 13 फीसदी एवं लीगेसी वेस्ट रेमेडिएशन पर 4 फीसदी अंक तय हैं। 2500 अंकों के प्रमाणीकरण भाग में जीएफसी स्टार रेटिंग के लिए 1375 अंक एवं ओडीएफ, ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस एवं वाटर प्लस के लिए 1125 अंक हैं। अन्य अंक निकाय एवं जलीय संरचनाओं में सिंगल यूज प्लास्टिक सफाई अभियान, गैर थोक अपशिष्ट उत्पादकों का ऑनसाइट गीले अपशिष्ट का प्रसंस्करण, स्वच्छता ऐप के माध्यम से शिकायत निवारण एवं स्वच्छ वार्ड रैंकिंग शामिल है।