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Kota बड़े अस्पताल और कॉलेज खुलें, गर्मी में लोगों को पानी से परेशानी न हो

 
Kota बड़े अस्पताल और कॉलेज खुलें, गर्मी में लोगों को पानी से परेशानी न हो

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा  कोटा उत्तर नगर निगम के वार्ड 39 में स्पीक आउट कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीसीएम क्षेत्र में इंदिरा गांधी नगर िस्थित सामुदायिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में वार्ड वासियों ने भाग लिया। उन्होंने स्पीक आउट के मंच से अपनी समस्याओं को व्यक्त किया। वार्ड पार्षद दीपक बंशीवाल के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने प्रशासन से समस्याओं के निराकरण की मांग की। इस दौरान विभिन्न मुद्दे सामने आए। किसी ने क्षेत्र में बड़े अस्पताल की दरकार बताई तो किसी ने कॉलेज की। पानी के लिए पम्प हाउस का निर्माण, पुलिया मरम्मत करवाने समेत अन्य मुद्दों को लोगों ने उठाया। क्षेत्र से गुजर रही हाईटेंशन लाइन को भी शिफ्ट करने की मांग रखी।

ये रहे मौजूद

सुरेश वाल्मीकि, नंदू मेहरा, एडवोकेट राजेन्द्र वर्मा, राजेश गुप्ता, नागेन्द्र, एडवोकेट, ओम प्रकाश भारती, दीपू, धनराज, रामबिलास, मितेन्द्र, गणेश प्रसाद, प्रेमचंद पादवा, मोहनलाल, मनोज कुमार, आकाश सरसिया, रणजीत कुमार वाल्मीकि, विनोद वर्मा, दीक्षा शर्मा, अरविंद कुमार, अजस पंवार व रविन्द्र सिंह हाड़ा समेत अन्य लोग मौजूद रहे। समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाती है। इससे जनप्रतिनिधियों का कार्य भी आसान हो जाता है। लोगों ने जो समस्याएं बताई हैं, जो अपने स्तर पर हल हो सकती हैं, उन्हें दूर करेंगे, शेष ऊच्च स्तर व प्रशासन से दूर करवाने का प्रयास करेंगे। डिस्पेंसरी में भर्ती की सुविधा हो या बड़े अस्पताल का क्षेत्र में निर्माण किया जाए, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके। यहां अंग्रेजी माध्यम सरकारी स्कूल की भी आवश्यकता है। युवाओं के लिए पार्क में ओपन जिम लगाया जाए। अनंतपुरा से बोरखेड़ा तक बंद लाइटों को चालू करवाया जाए।

कंसुआ व डीसीएम को जोड़ने वाली पुलिया क्षतिग्रस्त है। इससे रोजाना सैकड़ों लोग गुजरते हैं। यह बुरी तरह से जर्जर हो गई है। आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यह पुलिया नए सिरे से बनाई जानी चाहिए। क्षेत्र से अतिक्रमण भी हटाए जाने चाहिए। क्षेत्र में शिव मंदिर से राजीव गांधी पार्क तक हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। यह कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। हाईटेंशन लाइन को अंडर ग्राउंड डाला जाना चाहिए। कुछ दिन पहले कुन्हाड़ी क्षेत्र में हाइटेंशन लाइन से दुर्घटना का दंश झेल चुके हैं। अन्य समस्याएं भी हैं।