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Kota गर्म दूध से झुलसा 21 महीने का मासूम, इलाज के बाद तोड़ा दम

 
Kota गर्म दूध से झुलसा 21 महीने का मासूम, इलाज के बाद तोड़ा दम

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा गर्म दूध शरीर पर गिरने से 21 माह का मासूम झुलस गया। 9 दिनों तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। जियांशु बिस्किट लेने आलमारी की तरफ गया था। इस दौरान बर्तन में रखा गर्म दूध उस पर गिर गया। घटना बूंदी जिले के हिंडोली कस्बा स्थित बड़ोदिया सोरन का है। जियांशु के पिता विनोद ने बताया कि घटना 9 सितंबर सुबह 9 बजे के आसपास की है। जियांशु घर पर खेल रहा था। उसकी मम्मी नरेशी खाना बना रही थी। जियांशु बिस्किट लेने आलमारी की तरफ गया। वहां बर्तन में गर्म दूध रखा हुआ था। बर्तन के पैर लगते ही सारा गर्म दूध जियांशु के ऊपर आ गया। उसे तुरंत बूंदी हॉस्पिटल लाए। जहां से उसे कोटा रेफर कर दिया गया। कोटा में निजी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। सोमवार सुबह 10 बजे एमबीएस हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। मंगलवार तड़के 3 बजे उसकी मौत हो गई। विनोद तीन भाइयों में सबसे बड़ा है। 2019 में उसकी शादी हुई। पत्नी रीट की तैयारी कर रही है। विनोद अभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बेटे की मौत से पति पत्नी सदमे में हैं।

NH52 पर एंबुलेंस जाम में फंसी, मरीज की मौत

रामगंजमंडी के NH 52 दरा नाल में सिंगल वे होने से दिनों दिन जाम की स्थिति बनी हुई है। इसी के चलते जाम में फंसी एक एंबुलेंस में मरीज की मौत हो गई। रविवार देर शाम को 5 घंटे तक हाईवे पर जाम रहा। जिसमें एक एंबुलेंस मरीज को झालावाड़ से कोटा लेकर जा रही थी। कामलपुरा में करीब 2 घंटे तक एंबुलेंस जाम में फंसी रही। इसके बाद एंबुलेंस वापस झालावाड़ मरीज को लेकर लौट आई। इस दौरान रास्ते में ही मरीज की मौत हो गई। मरीज की मौत का कारण जाम लगने में कोटा पहुंचने में देरी सामने आया है। परिजनों के अनुसार 4 दिन पहले जफर मोहम्मद (55) निवासी खिमच रामगंज मंडी को झालावाड़ एसआरजी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जहां उसके सांस लेने और बीपी की समस्या थी। 4 दिन में हालत सही नहीं होने पर डॉक्टर ने रविवार को मरीज को कोटा एमबीएस हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया।

नेशनल हाईवे 52 पर ट्रेलर पलटने से करीब 2 घंटे तक जाम लगा रहा। जिसमें मरीज को ले जा रही एंबुलेंस फंस गई। परिजन मरीज को एंबुलेंस से कोटा ले जाने के लिए निकले। इस दौरा दरा नाल के पहले ही हाईवे पर लंबा जाम लगा रहा। एंबुलेंस करीब 2 घंटे तक जाम में फंसी रही। पुलिस के सुझाव से मरीज की हालत को देखते हुए एंबुलेंस को फिर से झालावाड़ लेकर पहुंचे। जहां संजीवनी हॉस्पिटल गए तो डॉक्टर ने एंबुलेंस में ही मरीज की जांच कर मृतक घोषित कर दिया। डॉक्टर के अनुसार मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई। एंबुलेंस ड्राइवर का कहना है कि झालावाड़ से कोटा रेफर मरीज को सांस की समस्या थी। जिसके ऑक्सीजन भी लगी हुई थी। कमलपुरा NH 52 में 2 घंटे तक जाम में फंसे रहे। पुलिस ने कहा कि अभी जाम 4-5 घंटे और रहेगा। ऐसे में परिजनों ने फिर से मरीज को झालावाड़ हॉस्पिटल में ले जाने का निर्णय लिया। झालावाड़ के रास्ते मरीज की मौत हो गई।