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Kota खेलते-खेलते खाली प्लॉट के दलदल में दबा मासूम, मौत

 
Kota  खेलते-खेलते खाली प्लॉट के दलदल में दबा मासूम, मौत 

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा 10 फरवरी 2023- कोटा की सुभाष नगर कॉलोनी में मासूम भाविक के जडूले के कार्यक्रम पर घर में खुशियां छाई थीं। घर में नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी खुशी में शामिल होने आए थे। ठीक एक साल बाद भी घर में लोगों की भीड़ है, लेकिन इस बार खुशी नहीं मातम है। मातम 3 साल के बच्चे भाविक की मौत का। कॉलोनी के खाली प्लॉट के दलदल में डूबने से शुक्रवार शाम उसकी मौत हो गई है। ये बात उसके पिता और उसके परिवार के अन्य लोगों को पता है लेकिन मां बेखबर है। उसे सिर्फ इतना बताया है कि, भाविक की हालत गंभीर है। बेसुध मां रोते-रोते बस अपने अपने बेटे की लंबी उम्र की कामना कर रही है।

5 फीट गहराई से निकाला

ये दर्दनाक हादसा कोटा के सुभाषनगर सेकंड का है। यहां रहने वाले तुषार प्रजापति का बेटा भाविक (3) शुक्रवार शाम खेलते-खेलते अपने घर के पास ही खाली प्लॉट में चला गया था। प्लॉट में पानी भरा हुआ था और दलदल बन गया था। पैर फिसलने से बच्चा उसमें गिर गया और बाहर नहीं आ पाया। शुक्रवार देर रात 10 बजे करीब 5 फीट की गहराई से उसका शव निकाला गया। भाविक के पिता की इलेक्ट्रिक की दुकान है, वहीं मां घर में ट्यूशन पढ़ाती हैं।

परिवार ने आश्वासन के बाद खत्म किया धरना

खाली प्लॉट पर बच्चे के डूबने की घटना के लिए यूआईटी के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन और स्थानीय निवासी शनिवार सुबह पोस्टमार्टम रूम के बाहर धरने पर बैठ गए थे। वे अधिकारियों पर एफआईआर और आर्थिक सहायता की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने प्लॉट मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से दो लाख की आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया, तब परिजनों ने धरना खत्म किया।

बेटे की मौत से बेखबर है मां

सुबह सात बजे तुषार के घर पहुंची। गली में कुछ लोग नजर आए, जिनसे हादसे के बारे में पूछा। उन्होंने बच्चे के घर की तरफ इशारा कर दिया। बच्चे के घर पहुंचे तो उसकी मौसी का लड़का ललित और एक रिश्तेदार मिले। घटना के बारे में उनसे जानकारी ले रहे थे। तब ही बच्चे की रिश्ते में लगने वाली मौसियां और दादी बाहर आ गई। उन्होंने बताया कि बच्चे (भाविक) की मां सोनिया को हादसे के बारे में नहीं बताया गया है। सिर्फ इतना कहा है कि, उसकी हालत नाजुक है और अस्पताल में भर्ती है। वहीं भाविक के पिता न तो पत्नी को कुछ बता पा रहे हैं और न हीं अपना दर्द छुपा पा रहे हैं।

खेलते खेलते पिछली गली में पहुंच गया

दादी कृष्णा बाई (60) ने बताया- शुक्रवार शाम करीब पौने 6 बजे तक बच्चा अपनी मौसी मनोज कुमारी के घर पर खेल रहा था। मौसी का घर आगे की गली में कुछ दूरी पर ही रहती है। दादी ने बताया कि पोते को उसकी मौसी के यहां से लेकर घर की तरफ आई थी। घर के पास ही वह पड़ोसी से बात करने लगी और पोता घर के बाहर खेलने लगा। खेलते-खेलते अचानक वह गायब हो गया। दादी ने बताया कि घर के अंदर देखा तो पोता नहीं था। फिर आगे-पीछे की गलियों में देखा, भाविक नहीं मिला। इसके बाद घर के सभी लोग बच्चे को तलाशने लगे। आस- पास के लोगों ने भी तलाशना शुरू किया। इस दौरान घरवालों ने पास में एक मकान में लगे सीसीटीवी को देखा। सीसीटीवी में शाम 6.24 बजे बच्चे पिछली गली में खेलते नजर आए। स्ट्रीट डॉग के साथ खेलते-खेलते वह उनके पीछे-पीछे पिछली गली में चला गया। इसके बाद घरवालों ने पिछली गली में तलाश किया, वहां खेल रहे बच्चों से पूछा। इसी दौरान पुलिस को भी जानकारी दे दी।

प्लॉट के सामने रहने वाली बच्ची ने बताया

जिस खाली प्लॉट में भरे पानी में भाविक डूबा, उसके बिल्कुल सामने वाले घर में रहने वाली ललिता ने बताया कि उनके मकान के ऊपर किराये से रहने वाले परिवार की 12 साल की बेटी छज्जे पर खड़ी थी। जिस समय बच्चा खाली प्लॉट के पास गया, उसने उसे देखा था। उसने मुझे बताया कि बच्चा प्लॉट के पास पानी के अंदर गया था। इसके बाद ललिता ने सभी को इसकी जानकारी दी। आस-पास के लोगों ने उस प्लॉट में भरे पानी में बांस से ढूंढा, लेकिन उस समय कुछ पता नहीं लगा।

पांच फीट गहराई में मिला शव

पुलिस ने आकर सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिया। रात करीब साढे़ आठ बजे स्थानीय पार्षद सोनू धाकड़ को सूचना दी गई, वह भी मौके पर पहुंचे और बच्चे की तलाश में लगे। सीसीटीवी से ये तय हो गया कि, भाविक एरिया से बाहर नहीं गया है। ऐसे में दुबारा खाली प्लॉट में भरे पानी में तलाशी शुरू की। अंदर जाकर देखा तो करीब पांच फीट गहराई में बच्चे का शव मिला।

10 फरवरी को हुआ था मुंडन

बच्चे की मौसी मनोज कुमारी और अनीता ने बताया कि जुलाई महीने में भाविक का बर्थडे आता है। एक साल पहले आज के ही दिन (10 फरवरी) को भाविक का मुंडन का कार्यक्रम था। परिवार में खुशियों का माहौल था। बडे़ स्तर पर परिवार ने आयोजन किया था। गाजे-बाजे के साथ प्रोग्राम रखा था, सारा परिवार आज के ही दिन खुशियां मना रहा था। एक साल बाद आज के ही दिन बच्चे की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है। अनीता ने कहा कि उनके परिवार का चिराग घटना ने छीन लिया है। इसमें यूआईटी और प्लॉट के मालिक की लापरवाही है। प्लॉट खाली पड़ा है, लेकिन उसकी चारदीवारी नहीं की गई। यूआईटी के अधिकारियों ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में उनके खिलाफ एक्शन होना चाहिए। बच्चे घरों के बाहर खेलते हैं, आज हमारा बच्चा गया है। कल किसी और के साथ ऐसा हादसा हो सकता है।

500 प्लॉट, भरा रहता पानी

स्थानीय पार्षद सोनू ने बताया कि इलाके में करीब पांच सौ खाली प्लॉट होंगे, जिनमें से ज्यादातर में पानी भरा हुआ है। ऐसे में यहां हमेशा हादसे की आंशका बनी रहती है। पहले भी कई बार यूआईटी और निगम दोनों में ही इस मामले को लेकर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिन खाली प्लॉट में पानी भरा है, उनके आवंटन निरस्त होने चाहिए। यूआईटी ऐसे प्लाॅट को चिन्हित करे, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जाता, इसी के चलते एक बच्चे ने जान गवां दी। यूआईटी डिप्टी सचिव मुकेश चौधरी ने बताया कि जिन प्लॉट मालिकों ने लंबे समय से भूखंड का निर्माण नहीं करवाया है, उन्हें चिन्हित करके नोटिस जारी किया जाएगा। भूखंड निरस्त किए जाएंगे।