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Kota आईआईटी में गर्ल पावर, 8 वर्षों में 4 गुना हुई छात्राएं

 
Kota आईआईटी में गर्ल पावर, 8 वर्षों में 4 गुना हुई छात्राएं

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा किसी समय में सिर्फ छात्रों के लिए होने वाली इंजीनियरिंग की पढ़ाई में अब छात्राएं भी बराबर से चुनौती देने लगी हैं। देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग शिक्षण संस्थान आईआईटीज में प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके लिए होने वाली जेईई एडवांस्ड परीक्षा में शामिल होने वाली एवं आईआईटीज में प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या साल-दर-साल बढ़ रही है। गत 8 वर्षों में आईआईटी में प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या लगभग 4 गुना हो गई है।

दरअसल, देश में इंजीनियरिंग एजुकेशन के प्रति छात्राओं का रुझान बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार के किए गए प्रयासों के बाद यह स्थितियां बदली हैं। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2018 से छात्राओं के प्रवेश उत्साह देने के लिए फीमेल पूल कोटे की घोषणा की। इस वर्ष 14 प्रतिशत सीटों पर फीमेल पूल कोटे से छात्राओं को प्रवेश दिया गया। इसके बाद वर्ष 2019 में यह कोटा बढ़ाकर 17 प्रतिशत और इसके बाद वर्ष 2020 से 20 प्रतिशत फी-मेल पूल कोटा कर दिया गया। लगातार बढ़ रहे इस प्रयास से गत 8 वर्षों में आईआईटी में एडमिशन लेने वाली छात्राओं की संख्या लगभग चार गुना हो गई।

जेईई एडवांस्ड में शामिल होने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ी

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में 27778, 2017 में 29872, 2018 में 14 प्रतिशत फीमेल पूल कोटा होन से संख्या बढ़कर 31021, 2019 में 17 प्रतिशत फी-मेल पूल होने से 33249, 2020 में 32851, 2021 में 32285, 2022 में 33608, 2023 में 40645, 2024 में अब तक की सर्वाधिक 41020 छात्राएं जेईई एडवांस्ड परीक्षा में शामिल हुईं। क्वालीफाई छात्राओं की स्थिति में अंतर देखें तो 2016 में 4570 से बढ़कर 2024 में 7964 हो गई है।

क्यों बढ़ रही है संख्या

फीमेल पूल कोटे की प्रत्येक सीट के लिए कम्पीटिशन छात्रों की तरह होता जा रहा है। सुपरन्यूमेरेरी फीमेल पूल सीटों के विकल्प मिलने के बाद इस वर्ष आईआईटी मुम्बई सीएस में छात्रों के प्रवेश का कटऑफ ओपन कैटेगिरी में 68 ऑल इंडिया रैंक रहा। वहीं छात्राओं के लिए फीमेल पूल कोटे से कटऑफ ऑल इंडिया रैंक 421 तक रहा।