कोटा में हैंगिंग ब्रिज पर हंगामा, गोरक्षकों और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का काफिला रोका
कोटा के प्रसिद्ध हैंगिंग ब्रिज पर उस समय हंगामे की स्थिति बन गई, जब गोरक्षकों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काफिले को रोक लिया। यह घटना कोटा–चित्तौड़गढ़ नेशनल हाईवे पर दोपहर करीब 1 बजे की बताई जा रही है। अचानक हुए इस घटनाक्रम के चलते हाईवे पर कुछ देर के लिए यातायात भी प्रभावित हो गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का काफिला हैंगिंग ब्रिज के पास पहुंचा, पहले से मौजूद गोरक्षक और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रास्ता रोक दिया। कार्यकर्ता विभिन्न मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे और वसुंधरा राजे से मिलने की जिद करने लगे। इस दौरान करीब 20 मिनट तक काफिला मौके पर ही रुका रहा, जिससे पुल पर वाहनों की लंबी कतार लग गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझाइश देकर सड़क से हटाने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी गौ-तस्करी से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई और कुछ स्थानीय मुद्दों को लेकर अपनी बात रखना चाहते थे।
करीब 20 मिनट के बाद पुलिस की समझाइश और वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी सड़क से हटे, जिसके बाद वसुंधरा राजे का काफिला आगे के लिए रवाना हो सका। इसके बाद यातायात धीरे-धीरे सामान्य हुआ। हालांकि इस दौरान किसी प्रकार की झड़प या अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और कानून-व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं, प्रशासन ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की बात कही है।
घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री के काफिले को रोकने की घटना को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं। फिलहाल प्रशासन पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
गौरतलब है कि कोटा का हैंगिंग ब्रिज शहर का एक प्रमुख मार्ग है और यहां से रोजाना भारी संख्या में वाहन गुजरते हैं। ऐसे में इस तरह की घटना से आम लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
