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Kota से श्योपुर तक रेलमार्ग बिछाने का रास्ता साफ

 
Kota से श्योपुर तक रेलमार्ग बिछाने का रास्ता साफ
कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा से श्योपुर तक रेलमार्ग बिछाने का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे की ओर से इसकी डीपीआर तैयार करने के बाद इसमें आवश्यक संशोधन भी करवा लिए हैं। इसके साथ ही 23 सौ करोड़ रुपए की डीपीआर स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय को भेज दी है, वहां से हरी झंडी मिलने के साथ ही इस रेल लाइन का काम शुरू कर दिया जाएगा। श्योपुर-कोटा ब्रॉडगेज के नए ट्रैक का काम इसी साल शुरू हो जाएगा। प्रोजेक्ट की डीपीआर रेल मंत्रालय से स्वीकृत होते ही प्रोजेक्ट के लिए टेंडर कर काम शुरू कर दिया जाएगा। 94 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग पर 23 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रोजेक्ट को वर्ष 2028 में पूरा कर रेल संचालन का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे बजट में इस परियोजना को बजट जारी होने की उम्मीद है।

रूट अलाइनमेंट बदला

कोटा-श्योपुर रेलवे मार्ग पर पहले 104 किलोमीटर का रेलमार्ग बनाने की परियोजना तैयार की गई थी। इसके बाद रेल मार्ग के अलाइनमेंट में बदलाव किया गया। इससे रेलमार्ग 104 किलोमीटर के स्थान पर 94 किलोमीटर रह गया। इससे निर्माण में राशि बचने के साथ यात्रियों को 10 किमी की दूरी कम तय करनी पड़ेगी। इससे यात्रियों का समय भी बचेगा।

8 स्टेशनों का निर्माण

रेलमार्ग पर कुल 8 रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाना है। कोटा से श्योपुर तक बनने वाले स्टेशनों में राजस्थान में छह स्टेशन उम्मेदगंज, सुल्तानपुर, बड़ौद, दौलतपुरा, गणेशगंज और पीपल्दा में रेलवे स्टेशन तैयार होंगे। इसी प्रकार श्योपुर में कनापुरा और खेड़ा दो स्टेशन तैयार किए जाएंगे।

परियोजना क्षेत्र की बिक्री पर लगी रोक

परियोजना की डीपीआर बनने के साथ ही परियोजना क्षेत्र की जद में आने वाली भूमि की खरीद-फरोक्त पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में दोनों जिलों के प्रशासन की ओर से इसके लिए रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई है।कोटा-श्योपुर रेलमार्ग की डीपीआर तैयार करने के बाद इसमें आंशिक संशोधन किए गए हैं। फाइनल डीपीआर को रेलवे मंत्रालय भेजा गया है। यहां से डीपीआर को हरी झंडी मिलने के बाद टेंडर लगाकर इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।