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कोटा में ज्वेलरी शोरूम में व्यापारी को आया हार्ट अटैक, सीपीआर से बची जान

 
कोटा में ज्वेलरी शोरूम में व्यापारी को आया हार्ट अटैक, सीपीआर से बची जान

कोटा शहर में मानवता और सतर्कता की एक मिसाल सामने आई है, जहां एक ज्वेलरी शोरूम में आए नगीनों के व्यापारी की समय पर दी गई सीपीआर से जान बच गई। यह घटना उस समय हुई जब व्यापारी शोरूम में कुर्सी पर बैठकर बातचीत कर रहे थे। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वे बेहोश होकर कुर्सी से आगे की ओर काउंटर पर गिर पड़े। इस अप्रत्याशित घटना से शोरूम में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, व्यापारी के बेहोश होते ही वहां मौजूद लोगों ने तुरंत उन्हें संभाला और फर्श पर सीधा लिटाया। इसी दौरान ज्वेलरी शोरूम के मालिक के बेटे ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए बिना समय गंवाए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देना शुरू कर दिया। करीब ढाई मिनट तक लगातार सीपीआर दिया गया, जिससे व्यापारी की सांस और नब्ज में हलचल नजर आने लगी।

सीपीआर दिए जाने के बाद व्यापारी को धीरे-धीरे होश आया। इसके बाद तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी गई और व्यापारी को नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने प्रारंभिक जांच में बताया कि व्यापारी को हार्ट अटैक आया था और समय पर सीपीआर मिलने से उनकी जान बच सकी। फिलहाल व्यापारी की हालत स्थिर बताई जा रही है और वे चिकित्सकीय निगरानी में हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि हार्ट अटैक या अचानक बेहोशी की स्थिति में पहले कुछ मिनट बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। अगर उस दौरान सही तरीके से सीपीआर दिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आम लोगों को भी सीपीआर जैसी जीवनरक्षक तकनीकों का प्रशिक्षण होना कितना जरूरी है।

ज्वेलरी शोरूम के मालिक के बेटे की सूझबूझ और तत्परता की हर ओर सराहना हो रही है। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि यदि कुछ मिनट की भी देरी हो जाती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने उनके इस साहसिक और मानवीय कदम की प्रशंसा की है।