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Kota हॉकी के गढ़ कोटा में एस्ट्रो टर्फ खिलाड़ियों के लिए आज भी एक सपना

 
Kota हॉकी के गढ़ कोटा में एस्ट्रो टर्फ खिलाड़ियों के लिए आज भी एक सपना

कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा राष्ट्रीय खेल हॉकी के गढ़ के रूप में पहचाने जाने वाले कोटा में एस्ट्रो टर्फ मैदान होना आज भी सपना है। एक समय था जब कोटा में मैदान, गली या सड़क हर जगह बच्चे और बड़े हॉकी खेलते नजर आते थे। यही वजह है कि कोटा ने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए, जिन्होंने ओलंपिक में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। राजस्थान में एस्ट्रो टर्फ मैदान सिर्फ चार जिलों जयपुर, अजमेर, उदयपुर और राजसमंद में हैं। जबकि कोटा में मैदान और पर्याप्त पानी भी है। टर्फ मैदान पर पानी का छिड़काव करना पड़ता है।

रेलवे से सेवानिवृत्त टीटीई और राष्ट्रीय खिलाड़ी मनोज शर्मा बताते हैं कि कोटा में एक ही परिवार में दो से तीन हॉकी खिलाड़ी हुआ करते थे। रेलवे स्टेशन, नयापुरा, कुन्हाड़ी में हॉकी सबसे ज्यादा लोकप्रिय थी। यहां कई हॉकी टीमें थीं और कई टूर्नामेंट होते थे। डीसीएम टूर्नामेंट में देश की नामी टीमें इंडियन एयरलाइंस, इंडिया व्हाइट, इंडिया ब्लू, कोर ऑफ सिग्नल, बीएसएफ जालंधर, वेस्टर्न रेलवे, नॉर्दर्न रेलवे, दिल्ली, ईस्टर्न रेलवे कोलकाता की टीमें भाग लेती थीं। कोटा से 8-9 खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते थे। एक समय तो पूरी राजस्थान टीम कोटा के खिलाड़ियों की होती थी। शर्मा कहते हैं कि भारत में टर्फ 1982 से पहले आ गई थी, लेकिन कोटा में अभी तक नहीं आई है। स्पेन और फ्रांस से मैच खेल चुके इंडियन रेलवे के खिलाड़ी कोटा के मोहम्मद यूनुस ने कहा कि अगर जनप्रतिनिधि रुचि लेकर एस्ट्रो टर्फ लगवाएं तो कोटा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होंगी और नए खिलाड़ी भी उभरेंगे। यहां के जनप्रतिनिधियों को एस्ट्रो टर्फ मैदान के लिए पहल करनी चाहिए।

एस्ट्रो टर्फ मैदान पर खिलाड़ियों को गति और स्टेमिना की जरूरत होती है, नहीं तो वे जल्दी थक जाते हैं। राजस्थान के कप्तान रहे बद्री सिंह कहते हैं कि जब खिलाड़ी प्राकृतिक घास के मैदान पर खेलते हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एस्ट्रो टर्फ पर खेलने जाते हैं तो उन्हें परेशानी होती है। क्योंकि एस्ट्रो टर्फ पर सहनशक्ति और गति की जरूरत होती है। एस्ट्रो टर्फ पर खिलाड़ी जल्दी थक जाते हैं। कोटा के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी: कोटा ने कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अशोक कुमार, इश्तियाक हुसैन, जगजीत सिंह, यूनुस खान ने अपनी प्रतिभा दिखाकर कोटा का नाम रोशन किया है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाकर शर्मा, एमपी सिंह, सतीश मेहरा, प्रदीप सिंघल, बद्री सिंह, करमजीत सिंह, मनोज कुमार शर्मा, संजय रमन, नरेश कुमार, विमल सोनी, संजय चौहान, जुल्फिकार, अब्दुल हफीज, नरेश, रईस, मान सिंह समेत कई खिलाड़ी खेल चुके हैं।