kota पिंजरे का दरवाजा खोलते ही पैंथर ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिवर्ज में लगाई छंलाग
कोटा न्यूज़ डेस्क, बुधवार की रात नांता क्षेत्र के राजमहल से रेस्क्यू किए गए पैंथर को गुरुवार की दोपहर जंगल में सकुशल छोड़ दिया गया। वनकर्मियों ने जैसे ही पिंजरे का दरवाजा खोला, पैंथर ने जंगल में जोरदार छलांग लगा दी। थोड़ी ही देर में वह आंखों से ओझल हो गया।रणथंभौर से आई दो सदस्यीय फ्लाइंग रैपिड रेस्पॉन्स टीम ने मंडलीय वन एवं वन्य जीव विभाग की टीम के साथ मिलकर 15 घंटे की मशक्कत के बाद बुधवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर पैंथर को रेस्क्यू किया।
रेस्क्यू करने के बाद उसे लाडपुरा रेंज ले जाया गया, जहां से गुरुवार को उप वन संरक्षक जयराम मांडे के निर्देशानुसार उसे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया. क्षेत्रीय वन अधिकारी कुंदन सिंह की मौजूदगी में पैंथर को जंगल में छोड़ दिया गया। पैंथर करीब एक सप्ताह से नांता क्षेत्र स्थित महल में डेरा डाले हुए था। वहां उसे पर्याप्त भोजन और पानी मिल रहा था। इसके चलते वह वन विभाग के अधिकारियों को लगातार विफल करता रहा। पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए थे। लेकिन वह पिंजरे में नहीं आया। कैमरों में लगातार ट्रैपिंग हो रही थी। मंगलवार को ही रणथंभौर से पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए विशेषज्ञ बुलाए गए थे। टीम ने 15 घंटे की मशक्कत के बाद पैंथर को पकड़ लिया। पैंथर सुबह और रात के समय ही ज्यादा हलचल कर रहा था। इसके बाद विभाग ने योजना बनाकर रात को शांत कराया।