Karoli गर्मी की शुरुआत के साथ ही गांवों में पेयजल संकट गहराने लगा

गांवों में पेयजल समस्या के समाधान के लिए करोड़ों रुपए की जलयोजनाएं संचालित करने के सरकार के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। महिलाओं को सुबह उठते ही पानी के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है। तो कहीं कुओं या अन्य जलस्रोतों पर पानी भरने के लिए भीड़ लगी रहती है। न तो लोगों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ मिल रहा है न नलकूपों से पर्याप्त जलापूर्ति हो रही है। गांवों में करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित जेजेएम योजना ठेकेदार की लापरवाही से बंद पड़ी है। सनेट ग्राम पंचायत की गंभीर नदी में खोदे गए नलकूपों से पाइप लाइन बिछाने का कार्य अधूरा होने से कई मोहल्लों के लोग जलापूर्ति से वंचित है। कई जगह पाइप लाइन नहीं बिछाई गई है। ऐसे में पेयजल संकट छाया हुआ है। जल जीवन मिशन योजना के तहत बनाई टंकी भी खाली पड़ी है। जेजेएम योजना के तहत करोड़ों रुपए की लागत से बने उच्च जलाशय भी रीते हैं। ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि हरीसिंह मीना ने बताया कि संबंधित विभाग के अधिकारियों व ठेकेदार को कई बार अवगत कराया, लेकिन समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता परवेंद्र सिंह ने बताया कि गम्भीर नदी में खोदे गए नलकूपों से पाइप लाइन नहीं जोड़ने से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।