Aapka Rajasthan

Karoli कारीगरों का कौशल निखारेंगे विश्वकर्मा, प्रशिक्षण के साथ उपकरण भी उपलब्ध

 
Karoli कारीगरों का कौशल निखारेंगे विश्वकर्मा, प्रशिक्षण के साथ उपकरण भी उपलब्ध  

करौली न्यूज़ डेस्क, करौली हस्तचालित उपकरणों से उत्पाद तैयार करने वाले पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों के हुनर में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना निखार लाएगी। कौशल दक्षता को और बढ़ाने के लिए दस्तकारों को मास्टर ट्रेनरों से प्रशिक्षण दिलाने के साथ उन्नत उपकरण के प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए जिले में विभिन्न पारंपरिक कार्यों के 13 हजार से अधिक कारीगरों व दस्तकारों ने जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र में पंजीयन कराया है। केन्द्र सरकार द्वारा चार माह पूर्व गांव व छोटे कस्बों में पारंपरिक कार्य कर स्वरोजगार कर रहे आर्टिजन और क्राफ्ट दस्तकारों की दक्षता बढ़ा संबल देने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की ओर से संचालित योजना में 18 श्रेणी के कार्यों को चिह्नित कर उनसे स्वरोजगार कर रहे दस्तकारों शामिल किया है। जिन्हें पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद में दक्षता से कार्य करने के लिए उन्हें क्राफ्ट से संबंधित 15 हजार रुपए तक की लागत के नि:शुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिला स्तर पर दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के माध्यम से क्राफ्टबार आयोजित होंगे। केंद्र के महाप्रबंधक कमलेश कुमार मीणा ने बताया कि फरवरी माह के दूसरे सप्ताह तक ई मित्र के जरिए 13 हजार 26 दस्तकारों ने प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन आवेदन किए हैं।

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने बताया कि विश्वकर्मा योजना में पंजीकृत दस्तकारों को डिजीटल लेन-देन करने नकद प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रति ट्रांजिक्शन पर एक रुपए प्रोत्साहन राशि लाभार्थी को खाते में मिलेगी। वहीं टूल खरीदने के लिए 15 हजार रुपए का डिजीटल बाउचर मिलेगा। गांव स्तर पर दस्तकारों को संबल देने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना में ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है। जिले की 241 में से 219 ग्राम पंचायतें दस्तकारों के पंजीयन से ऑनबोर्ड (जुड़) हो गई हैं। ऐसे में एक भी पंजीयन नहीं होने से 23 ग्राम पंचायतें अभी ऑन बोर्ड नहीं हुई है।जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र सूत्रों के अनुसार विश्वकर्मा योजना में पारंपरिक स्वरोजगार की 18 विधाओं को शामिल किया गया है। जिनमें बढ़ई , नाव निर्माता , अस्त्रकार, लुहार, हैमर एवं टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, सुनार, कुम्हार, मोची ,राजमिस्त्री, डलिया/चटाई/ झाड़ू बनाने वाले/ जूट बुनकर, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला कार, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं। ऑन लाइन प्राप्त हुए आवेदनों की सर्वाधिक संख्या भवन निर्माण राजमिस्त्री, दर्जी व सेण्ड स्टोन कार्विंग (मूर्ति निर्माण) के कारीगर व दस्तकार शामिल हैं।