Karoli टंकी में पानी नहीं, 30 हजार लोग नलों से पानी आने का इंतजार कर रहे
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली गांवों में जल जीवन मिशन योजना से घरों में नलों से पानी पहुंच रहा है, लेकिन शहर के वर्धमान नगर क्षेत्र के बाशिंदों को दशकों बाद भी घरों में नलों से पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। शहर में पुनर्गठित जलयोजना व अमृतयोजना में 82 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी क्षेत्र की करीब 30 हजार की आबादी वर्ष भर पानी की किल्लत झेलने को मजबूर है। जलयोजना के तहत वर्धमान नगर में निर्मित टंकी 8 वर्ष से सूखी पड़ी है। स्थिति यह है कि वर्षों बाद भी टंकी में जलभराव के लिए राइजिंग लाइन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र के 6 वार्डों के लोगों का घरों में नलों से जलापूर्ति का इंतजार पूरा नहीं हो रहा है।
दरअसल डेढ़ दशक पहले शहर में पर्याप्त जलापूर्ति के लिए सरकार ने 58 करोड़ रुपए की शहर शहरी पुनर्गठित जल योजना स्वीकृत की थी। साथ ही अमृत योजना में भी 24 करोड़ रुपए की लागत से पेयजल संबंधी कार्य कराए गए। जिसमें शहर के विभिन्न इलाकों में टंकियां बनवा घरों में नलों से पर्याप्त जलापूर्ति देना सुनिश्चित किया गया।
योजना में बसावट के समय से जल संकट झेल रहे वर्धमान नगर को भी शामिल किया गया। लेकिन क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं होने से टंकी निर्माण लंबित हो गया। ऐसे में वर्ष 2016 में क्षेत्र के लोगों ने एक समिति बना घर-घर से राशि जुटाकर 14 लाख 50 हजार रुपए में एक भूखण्ड खरीद कर नगर परिषद को सुपुर्द किया था। जिस पर जलदाय विभाग की ओर से 800 किलो लीटर भराव क्षमता की टंकी का निर्माण कराया। साथ ही महूं में गंभीर नदी के पेटे में 4 नलकूप भी खुदवाए थे। टंकी बनने पर आधा दर्जन वार्डों की कॉलोनियों के बाशिंदों को नलों से जलापूर्ति की आस जगी थी। लेकिन जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के स्थानीय अभियंता व आला अधिकारी टंकी में पानी का भराव नहीं कर पाए हैं। ग्रामीणों के विरोध के चलते राइजिंग लाइन का काम अधूरा छूटने से घनी आबादी के बीच रीती टंकी शोपीस बनी हुई है। मानसून सीजन में नदी में आए बहाव से अब नलकूप भी खराब हो गए हैं।