राजस्थान के Karauli में शुरू हुआ ऐतिहासिक फाल्गुन मेला, उत्सव में 100 साल से चली आ रही ये परंपरा
करौली न्यूज़ डेस्क - करौली में रियासत काल से चला आ रहा ऐतिहासिक फाल्गुन मेला मेला दरवाजा स्थित मैदान में शुरू हो गया है। यह मेला शिवरात्रि पशु मेले के बाद होली से एक सप्ताह पहले शुरू होता है। मेला होली तक चलता है। मेले में करौली के साथ ही भरतपुर, जयपुर, भुसावर व अन्य राज्यों से व्यापारी आते हैं।
यहां मसालों, लोहे व लकड़ी के सामान की दुकानें लगती हैं। स्थानीय लोग यहां से साल भर के लिए घरेलू सामान व मसाले खरीदते हैं। बदलते समय के साथ मेले का स्वरूप भी बदल गया है। अब यहां मनोरंजन के लिए झूले, नाव, रहटक व ट्रैम्पोलिन जंप भी लगाए जाते हैं। महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन व सजावटी सामान खरीदती हैं। दुकानदारों के अनुसार यह मेला क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है।
कई दुकानदारों की दो से तीन पीढ़ियां लगातार इस मेले में कारोबार करती आ रही हैं। हालांकि मेला स्थल पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव के कारण अब मेला सिमटता जा रहा है। मेले का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में बच्चे, बुजुर्ग, युवा व महिलाएं पहुंच रही हैं। मेला स्थानीय संस्कृति व परंपरा का प्रतीक बन गया है।
