Karoli कलक्टर को समस्याएं बताने लगी भीड़, प्रकरणों का मौके पर किया निस्तारण
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली जिला मुयालय की नगर परिषद के बाद दूसरे दिन गुरुवार को जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना हिण्डौन में जनसुनवाई की। पंचायत समिति कार्यालय के वीडियो क्रान्फ्रेंसिंग हॉल में लगे अटल जन सेवा शिविर एवं जनसुनवाई में कलक्टर को जनसमस्याओं से अवगत कराने शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की भीड़ रही। इस दौरान कलक्टर ने तीन प्रकरणों का मौके पर निस्तारण कर पीड़ितों का राहत दी। साथ ही अन्य प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों को अग्रेसित कर त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
करीब दो घंटे तक चली जनसुनवाई में फरियादियों ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के 47 प्रकरणों को लेकर कलक्टर के समक्ष अर्जी पेश की। इनमें पीपलहेड़ा के ग्रामीणों ने गांव की सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की। ग्रामीण वीरेंद्र सिह, राजेंद्र आदि ने बताया कि वर्ष 2023 से ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व तहसील स्तर पर अतिक्रमण हटाने का मामला प्रक्रिया शुरू होने के बाद अटक कर रह गया है। पंचायत समिति सदस्य राधाकृष्ण जाटव के साथ आए ढिंढोरा गांव के ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सबंधी विकास कार्यों व ग्राम विकास अधिकारी की कार्यशैली को लेकर शिकायत दर्ज कराई। नगर परिषद क्षेत्र के पार्षद राजेद्र शर्मा, ऋषिराज गौड, सत्यनारायण, प्रदीप जैन व डॉ. विमल चंद जैन ने वर्धमान नगर में टंकी निर्माण के 8 साल बाद भी नलों से जलापूर्ति शुरू नहीं होने की शिकायत की। वहीं दुब्बे पाड़ा निवासी घनश्याम उदेइया, पूर्व पार्षद नरेश गुर्जर ने जलभराव के दौरान खारी नाले की तोड़ी गई पुलिया का फिर से निर्माण कराने की मांग की। इस पर कलक्टर ने एसडीएम हेमराज गुर्जर को लोगों की आवाजाही के लिए वैकल्पिक रास्ता बनाने के निर्देेश दिए। एसडीएम ने बताया कि जनसुनवाई में कुल 47 प्रकरण दर्ज किए गए। जिसमें पेंशन संबंधी तीन प्रकरणों का मौके पर निस्तारण कर फरियादियों को राहत दी गई। वहीं 44 प्रकरणों को सपर्क पोर्टल पर दर्ज की संबंधित अधिकारियों निराकरण के लिए भिजवाया गया।
निरीक्षण को लेकर अस्पताल में हुई सफाई : पंचायत समिति में कलक्टर की जनसुनवाई के कार्यक्रम के बाद जिला चिकित्सालय में संभावित निरीक्षण को लेकर तैयारियां की गई। अस्पताल के ओपीडी कॉरीडोर से लेकर वार्डों में सफाई कर कचरे का निस्तारण किया गया।
साथ ही पलंगों पर चद्दरों को व्यवस्थित किया गया। ओपीडी के समय तीन बजे तक चिकित्सक भी कक्षों में अलर्ट रहे।