Karoli घटवासन देवी का दरबार लोगों की आस्था का केंद्र है
करौली न्यूज़ डेस्क, गुढ़ाचंद्रजी कस्बे में नदी के किनारे पहाड़ी पर स्थित मां भगवती घटवासन देवी का मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। मंदिर में प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। रामनवमी व जानकी नवमी पर मां भगवती घटवासन देवी का मेला भरता है, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। लोगों में श्रद्धा और विश्वास है कि मां के दरबार में धोक लगाने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पहाड़ी पर मां भगवती का करीब 500 वर्ष पुरानी चमत्कारिक प्रतिमा के अलावा भैरव महाराज, क्षेत्रपाल महाराज, भोमिया जी महाराज व लांगुरिया की प्रतिमा विराजित हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि मां घटवासन देवी की प्रतिमा करीब 500 वर्ष पूर्व पहाड़ी में भूमि से प्रकट हुई थी। पहाड़ी में चट्टानों के खिसकने से देवी मां की प्रतिमा के प्राकट्य भाव को लेकर क्षेत्र में अधिक जनश्रुतियां प्रचलित हैं। बुजुर्गों के अनुसार गुढ़ाचंद्रजी में चौहान राजा के दरबार में सेवादार घाटोली गांव निवासी केसरी सिंह मेहर को देवी प्रतिमा के प्राकट्य का भाव दिखा था।
समिति के प्रयासों से हुए विकास कार्य : 2 वर्ष पहले मंदिर विकास कार्यों के लिए एक समिति का गठन किया गया, जो अनवरत मंदिर के विकास कार्यों में लगी हुई है। समिति ने अंदर विकास कार्य कराए हैं। समिति ने मंदिर में मां भगवती का विशाल दरबार, यज्ञशाला, यात्री हाल, भंडारे के लिए रसोई घर, यात्रियों के लिए 3 दर्जन से अधिक कमरे, सामुदायिक भवन आदि का निर्माण हुआ है। वहीं समिति के प्रयासों से ही मंदिर पहुंचने के लिए सांसद व विधायकों से दो पुलों का निर्माण सहित करोड़ों रुपए के विकास कार्य कराए गए। समिति के वर्तमान में पूर्व सरपंच राम खिलाड़ी मीणा तिमावा अध्यक्ष हैं, वहीं कोषाध्यक्ष पूर्व सरपंच गुढ़ाचंद्रजी रामेश्वर मीणा हैं। इसके अलावा समिति में दो दर्जन से भी अधिक सदस्य हैं, जो मंदिर के विकास कार्यों में पूर्ण भागीदारी निभाते हैं।
