Karoli रणगमां तालाब के साथ तीन दरवाजा बांध की हो मरमत
करौली न्यूज़ डेस्क, यहां मण्डरायल मार्ग स्थित ऐतिहासिक रियासतकालीन रणगमां तालाब की टूटी पाल की शीघ्र मरमत कराए जाने की दरकार है। मानसून के दौरान तालाब की पाल की बड़ी मात्रा में मिट्टी ढह जाने से तालाब को खतरा उत्पन्न हो गया है। ऐसे में तालाब और तीन दरवाजा बांध की मरमत कराए जाने की जरूरत है। इस संबंध में रणगमां ताल क्षेत्र विकास समिति करौली की ओर से जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमेें बताया है कि रणगमां तालाब रियासतकालीन है। इस बार मानसून के दौरान भारी बारिश का दौर चला, जिससे तालाब की मिट्टी की कच्ची पाल काफी गहराई तक कट चुकी है।
इसके चलते तालाब की सुरक्षा को भी खतरा हुआ है। ज्ञापन में बताया है कि इस तालाब के ओवरलो के पानी के भंडारण के लिए रियासतकाल में तीन दरवाजा बांध का निर्माण कराया गया था, लेकिन यह बांध भी करीब आठ वर्ष पहले हुई अतिवृष्टि के दौरान टूट गया था, जो अभी भी क्षतिग्रस्त हालत में है। ऐसे में मानसून के दौरान तालाब से आने वाला पूरा पानी शहर के निचले हिस्सों में भरने लगा है। इसी वर्ष मानसून में भारी बारिश के दौरान निचले इलाके जलमग्न हो गए, लोगों के समक्ष मुश्किलें खड़ी हो गई थी। ज्ञापन में आशंका जताई गई है कि यदि समय रहते तालाब और बांध की मरमत नहीं हुई तो भारी बारिश के दौरान तालाब को खतरा होने के साथ आमजन के समक्ष भी आफत खड़ी हो सकती है। ऐसे में शीघ्र तालाब व बांध की मरमत कराई जानी चाहिए।
इस दौरान रणगमां क्षेत्र विकास समिति के अध्यक्ष देवेंद्र चतुर्वेदी सहित समिति सदस्य श्रीकांत शर्मा एडवोकेट, मनोज शर्मा एकट बोधग्राम, विपिन कुमार गुप्ता, रामस्वरूप चतुर्वेदी, चन्द्रदीप जैन, विश्वेन्द्र सिंह, महेन्द्र सूरौठिया, जयेश चतुर्वेदी, ऋषिचन्द बंसल, रामअवतार वर्मा, मदनमोहन कांटे वाले आदि मौजूद रहे।गौरतलब है कि रणगमां तालाब की मरमत को लेकर पिछले दिनों जिला प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को करीब 17.42 करोड़ के प्रस्ताव भिजवए गए हैं, जिनकी स्वीकृति का इंतजार है।