Karoli धूमधाम से मनाई गई राजा मिहिर भोज की जयंती, निकाली बाइक रैली

करौली न्यूज़ डेस्क, करौली राजा मिहिर भोज की जयंती जिलेभर में धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान वीर गुर्जर महासभा द्वारा बाइक रैली निकाली गई। करौली से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित राजपुर गांव से शुरू हुई बाइक रैली विभिन्न मार्गों से होकर करौली जिला मुख्यालय पर स्टेडियम के पास स्थित एक मैरिज हॉल पहुंची, जहां बाइक रैली के समापन के मौके पर एक सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने राजा मिहिर भोज के पराक्रम और राष्ट्र रक्षा के लिए किए कार्यों को याद किया। सभा को संबोधित करते हुए वीर गुर्जर महासभा अध्यक्ष हकीम सिंह गुर्जर ने कहा कि मिहिर भोज परम प्रतापी और पराक्रमी राजा थे।
इनका साम्राज्य मुल्तान से लेकर बंगाल तक और उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक फैला हुआ था। राजा मिहिर भोज भगवान विष्णु के परम भक्त थे। उन्होंने कहा कि राजा मिहिर भोज ने अपने शासनकाल में कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया। मिहिर भोज ने विदेशी आक्रमणकारियों से युद्ध किया और साम्राज्य की रक्षा के लिए युद्ध किया। वक्ताओं ने युवाओं से मिहिर भोज की तरह समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहने, सामाजिक एकजुट और कुरीतियों को त्यागने पर जोर दिया। इस दौरान युवाओं ने राजा मिहिर भोज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके पराक्रम को याद किया।
दलित उत्थान को लेकर तृतीय अधिवेशन
शिक्षा, प्रशासन और सत्ता में भागीदारी को लेकर परिवर्तन संस्था द्वारा तृतीय जिला अधिवेशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष वेदवीर सिंह आदिवासी ने और संचालन जिलाध्यक्ष अनूप कुमार ने किया। इस मौके पर संस्था प्रमुख चौ. विनोद अंबेडकर मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान चौधरी विनोद अंबेडकर ने कहा कि अंतिम पायदान के समाज को अग्रणी पंक्ति में आने के लिए शिक्षा, प्रशासन और सत्ता में भागीदारी लेनी होगी और इसके लिए सामाजिक एकजुटता पहली शर्त है, लेकिन जो समाज महापुरुषों और अपने इतिहास को नहीं जानता वो कभी सामाजिक रूप से एकजुट नहीं हो सकता और बिखरा हुआ समाज हमेशा दीनहीन रहता है। मौजूद लोगों से कहा कि अपनी दशा तो देखो? ना शिक्षा में, ना प्रशासन में, ना सता में, किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या अनुपात में हिस्सेदारी नहीं मिल रही है और ना सामाजिक सम्मान मिल रहा है। अंतिम पायदान की जातियों को शिक्षा, प्रशासन और सत्ता में भागीदारी दिलाना चाहता हूं। इसी से अत्याचार और हकमारी रुकेगी। सामाजिक एकजुटता पैदा करने में सहयोग मांगा।