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Karoli धार्मिक प्रसंग सुन विभोर हुए श्रोता, कथा में सजाई झांकी

 
Karoli धार्मिक प्रसंग सुन विभोर हुए श्रोता, कथा में सजाई झांकी
करौली न्यूज़ डेस्क, करौलीरामपुरा गांव में बालाजी मंदिर परिसर में आयोजित भागवत कथा से माहौल धर्ममय बना हुआ है। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण, रुकमणी विवाह की सजीव झांकी सजाई गई। वृंदावन के आचार्य विनोद शास्त्री ने भक्ति को ही कलियुग में जीवन के उद्धार का मार्ग बताया। उन्होंने कहा कि भक्ति के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा है। भक्ति से ही बचपन में ही ध्रूव व भक्त प्रहलाद ने भगवान को प्राप्त कर लिया था। इसके बाद आचार्य ने कृष्ण सुदामा की मित्रता का सुंदर वृतांत सुनाया।

उन्होंने कहा कि मित्र सुदामा के आने पर भगवान कृष्ण अपने महलों से दौड़कर उनको लेने के लिए पहुंचे और उनको गले से लगा लिया। इसके बाद भगवान कृष्ण ने सुदामा से पोटली लेकर उसमे रखे चावल खा लिए और बदले में उनको दो लोक का साम्राज्य सौंप दिया।आचार्य ने कहा कि भगवान बड़े दयालु है जो दो मुट्ठी चावल खाकर दो लोक का राज दे देते हैं। भगवान ने चावल की तीसरी मुट्ठी खाने के लिए जैसे ही हाथ बढ़ाया तो उनकी पत्नी ने हाथ को पकड़ लिया और कहा कि प्रभू आप क्या कर रहो। आप दो लोक का राज तो दे चुके है अब हम कहां रहेंगे। आचार्य ने कहा कि मनुष्य को हमेशा धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए। परोपकार के कार्य करने चाहिए। आचार्य ने कथा के बीच एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। जिस पर श्रोताओं ने नृत्य किया।इस मौके पर जयकारों से माहौल धर्ममय हो गया। भगवान श्रीकृष्ण के साथ रुकमणी की सजीव झांकी सजाई गई। कथा के समापन पर आरती व पूजन के बाद प्रसादी वितरित की गई। आयोजन समिति के सुरज्ञान सिंह ने बताया कि भागवत कथा के समापन के मौके पर मंगलवार को हवन होगा।