Karoli टमाटर में रोग से हो रहा नुकसान, 25 हैक्टेयर तक सिमटा उत्पादन
नहीं मिलता प्रोत्साहन : किसानों ने बताया कि टमाटर की खेती को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा। फसल खराब होने पर न तो मुनाफा मिलता है न ही कृषि विभाग की ओर से रोगों की रोकथाम के लिए दवाएं। ऐसे में किसानों ने खेती कम कर दी है। आज बाजार में अधिकतर टमाटर बाहरी राज्यों से आ रहा है। किसानों ने बताया कि लागत के अनुसार मुनाफा नहीं मिलता है। कुड़गांव क्षेत्र में पैदा होने वाले टमाटर की कभी दूर-दूर तक पहचान थी। खेतों से पंजाब, दिल्ली हरियाणा की मंडियों तक टमाटर जाता था।
अब नहीं आते व्यापारी
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार कुड़गांव सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गत सात-आठ वर्षों पूर्व करीब 150 हैक्टेयर से अधिक भूमि में टमाटर की पैदावार होती थी, लेकिन अब यह मात्र 25 हैक्टेयर तक ही सिमट कर रहा गया है। दिल्ली के व्यापारी यहां आकर टमाटर की खरीद करते थे, लेकिन जब से किसानों का रुझान कम हुआ है पैदावार भी कम हो गई है और व्यापारी भी नहीं आते। कुड़गांव क्षेत्र में पैदा होने वाले टमाटर की बिक्री अब केवल करौली एवं सवाईमाधोपुर जिले तक ही सीमित रह गई है। किसानों ने बताया कि कस्बे सहित आसपास के मंडावरा, गोकलपुर, खूबपुरा, डाबरा, डिकौली, खेड़ा, लेदिया, चैनपुर बर्रिया आदि में टमाटर की अच्छी पैदावार होती थी।