karoli जर्जर कक्षाओं में पढ़ाई, खतरे का खतरा बरकरार
करौली न्यूज़ डेस्क, अतेवा के सीनियर सैकण्डरी स्कूल में अध्यनरत विद्यार्थी खुले आसमान के नीचे अपने भविष्य के सुनहरे सपने बुन रहे हैं। विद्यालय का पुराना भवन क्षतिग्रस्त हो गया हैं, जिस पर ताला लटका हुआ है। कई कक्षा-कक्ष जर्जर है, जिनमें बैठकर विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर अध्ययन करना पड़ रहा है। हालांकि विद्यालय में नवीन कक्षा कक्षों का निर्माण चल रहा है, लेकिन समय पूरा होने के बाद भी निर्माण अधूरा है, जिससे विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि नए भवन निर्माण के लिए 30 लाख रुपए का बजट मिला था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण विद्यार्थी खुले आसमान के तले अध्ययन करने को मजबूर है। कई कक्षाएं जर्जर भवनों में चल रही हैं। विद्यालय प्रबंधन समिति ने कई बार समस्याओं को लेकर बैठक आयोजित की, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका। इसमें बिजली निगम की भी लापरवाही साफ जाहिर हो रही है पत्र मिलने के बाद भी हाई टेंशन लाइट को शिट नहीं किया गया इसके चलते मुसीबत बनी हुई है।
एक दशक से नहीं हटा मलबा : ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2013 में पुराने कक्षा कक्ष बरसात के दौरान गिर गए थे। इनमें से एक कक्षा कक्ष जमीदोंज होने से बच गया, जिस पर ताला लटका हुआ है। विशेष बात यह है कि जमीदोंज हुए कक्षा कक्षों का मलबा भी मौके पर पड़ा है। जर्जर कक्षा-कक्ष बने हादसे का सबब : विद्यालय में दो जर्जर कक्षा-कक्षों में अभी भी विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं, जिससे खतरे की आशंका रहती है। कक्षा-कक्षों में दरारें आ गई है तथा उनमें पानी टपकता है। हालांकि विद्यालय प्रबंधन ने पानी रोकने के लिए प्रबंध जरुर किए हैं।
