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Karoli सरस डेयरी में बढ़ेंगे दुग्ध उत्पाद, सालों बाद तैयार होगा पनीर

 
Karoli सरस डेयरी में बढ़ेंगे दुग्ध उत्पाद, सालों बाद तैयार होगा पनीर

करौली न्यूज़ डेस्क, करौली मार्ग पर संचालित सरस डेयरी प्लांट में एक दशक बाद अब पनीर बनना शुरू होगा। डेयरी प्रबंधन ने दुग्ध उत्पादों में इजाफा करने के लिए वर्षों से अनुपयोगी पड़ी पनीर निर्माण की मशीन की सुध ली है। इससे लोगों को ताजा डेयरी उत्पाद मिल सकेंगे। साथ ही डेयरी संघ की आय बढ़ेगी। अब तक दूध, दही और घी ही डेयरी के आय के जरिया हैं।

सवाईमाधोपुर-करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने वर्ष 2013 करौली रोड पर सरस डेयरी प्लांट स्थापित किया था। शुरुआत के दो-तीन वर्ष डेयरी प्लांट बीएससी (बल्क मिल्क चिलर) के तौर पर संचालन के बाद वर्ष 2015 में प्लांट में दूध की पैंकिग के साथ घी का निर्माण शुरू हो गया था। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्कृत दूध मिलना शुरू हो गया। लेकिन अन्य डेयरी उत्पाद बाहर से मंगाने पड़ रहे थे। करीब 8 साल तक महज दूध और घी बनाने तक सीमित रहे सरस डेयरी प्लांट में गत वर्ष दही और छाछ का निर्माण शुरू हुआ था। डेयरी प्रबंधन ने एक वर्ष के अंतराल पर दुग्ध उत्पाद कारोबार बढ़ाने के लिए प्लांट में पनीर निर्माण करने की तैयारी शुरू की है।इससे शहर में खोले गए सरस बूथों पर भी स्थानीय प्लांट के दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता बढऩे से डेयरी से स्वरोजगार को संबल मिलेगा।

डेयरी सूूत्रों के अनुसार पनीर के सामान्य खान-पान में शामिल होनेे से दैनिक खपत बढ़ गई है। शहर में प्रतिदिन स्थानीय तौर पर निर्मित 200किलोग्राम खुले पनीर की बिक्री होती है। वहीं 25-30 किलो ब्रांडेड पॉलीपैक पनीर बिकता है। शहर में निजी क्षेत्र में पनीर बनाने के दो प्लांट संचालित हैं। डेयरी सूत्रों के अनुसार डेयरी संघ ने करीब 7 वर्ष पहले सवाई माधोपुर में पनीर बाननेे के लिए मशीन खरीदी थी। वहां चंद माह चलाने के बाद मशीन को हिण्डौन प्लांट भेज दिया गया। तब से मशीन प्लांट में अनुपयोगी रखी हुुई थी।

डेयरी संघ के सूत्रों के अनुसार सरस डेयरी प्लांट में अब दुग्ध उत्पादों का निर्माण क्वालिटी कंट्रोल विशेषज्ञ की निगरानी में होगा। इसके लिए सहायक प्रबंधक (क्वालिटी कंट्रोल) पद से सेवानिवृत हुए मिल्क प्रॉडक्ट विशेषज्ञ को लगाया है। अब डेयरी में क्वालिटी कंट्रोल की निगरानी में दुग्ध उत्पादों का निर्माण व पैकिंग होगी।