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Karoli भारी बारिश से कारोबार प्रभावित, जलभराव के कारण 150 दुकानें बंद

 
Karoli भारी बारिश से कारोबार प्रभावित, जलभराव के कारण 150 दुकानें बंद
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली शहर के बाजार में बाइपास और दूसरे इलाकों से पानी के बहकर आने से एक बार फिर अतिवृष्टि जैसा जलभराव हो गया है। बारिश थमने के 20 घंटे बाद दूसरे दिन गुरुवार को बाजार की ओर पानी का बहाव जारी रहा। बाजार में दो-तीन फीट पानी का भराव होने से दुकानें नहीं खुलीं। जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने दोपहर बाद बाजार में पहुंच जलभराव को देखा और साथ मौजूद एसडीओ हेमराज गुर्जर व नगर परिषद के अधिकारियों को जल निकासी कराने को निर्देशित किया। इधर दूसरे दिन भी रुक-रुक बारिश का दौर जारी रहा।

गुरुवार देर शाम तेज बारिश का दौर थमने के बाद जल निकासी नहीं होने से बाजार में देर रात तक दुकानों में पानी भरा रहा। वही भायलापुरा के रास्ते करौली रोड व बाइपास से पानी के बहाव से आने से कटरा बाजार, कबलबाल मार्केट व पुरानी मंडी बाजार में जलभराव दुकानों की चौखट के ऊपर रहा। रास्तों के जलमग्न होने से बाजार में दुकानें नहीं खुली। तीनों बाजारों में करीब 150 दुकानें हैं। दोपहर बाद जल स्तर चौखट से कम होने पर कुछेक दुकानदारों ने पानी घुसने से दुकानों में आई गंदगी की सफाई कर भीगे सामान की सारसंभाल की। शाम तक जलभराव होने से लोगों की आवाजाही नहीं होने से बाजार में सूनापन सा छाया रहा। इधर भायलापुरा, नबर 9 स्कूल रोड, गोशाला, गीता टाकीज रोड, बरगमा रोड, ओवर ब्रिज की सर्विस रोड पर जलभराव रहने से लोगों को आवागमन में परेशानी हुई।

एक करोड़ का कारोबार प्रभावित

जलभराव के कारण कटरा बाजार सहित अन्य बाजारों की 150 से अधिक दुकानदारों का कारोबार प्रभावित रहा है। पुरानी मंडी बाजार के कपड़ा व्यापारी अनिल गोयल ने बताया कि कटरा बाजार, पुरानी मंडी कबलवाल मार्केट में किराना, कपड़ा सर्राफ की दुकानें हैं। वहीं दूसरे बाजार में भी जाने का यहीं रास्ता है। ऐसे में जलभराव से दुकान बंद रहने से करीब एक करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित रहा है।

निकासी से ज्यादा आ रहा पानी

कटरा बाजार में भरे पानी की धीमी गति से खारी नाले में निकासी हो रही है, लेकिन गोशाला के पास से करौली रोड पार से जल आवक अधिक है। ऐसे में बुधवार देर शाम बारिश थमने के बाद भी दूसरे दिन शाम तक बाजार में जलभराव बना रहा। पार्षद अब्दुल मुगनी व व्यापारी कल्ला अग्रवाल ने बताया कि पानी के साथ काई बहकर आने से जल आवक बांध या तालाब के ओवरलो की है।