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Karoli चंबल नदी के किनारे अठखेलियां करने लगे मगरमच्छ

 
Karoli चंबल नदी के किनारे अठखेलियां करने लगे मगरमच्छ

करौली न्यूज़ डेस्क, चंबल नदी कि किनारों पर करीब पांच माह पहले मदा घड़ियाल द्वारा दिए अंडो से अब घड़ियाल शिशुओं का निकलना शुरू हो गया है। इस बार चंबल नदी के किनारों पर मिट्टी में मादा घड़ियाल ने बड़ी संख्या में अंडे दिए थे, जो कि अब परिपक्व हो चुके हैं और उनसे घड़ियालों का निकलना शुरू हो गया है। अंडो से निकलकर घड़ियाल रेंगते हुए चंबल नदी के पानी में प्रवेश कर रहे हैं। जिससे नदी के किनारों पर काफी संख्या में रोजाना घड़ियाल तैरते नजर आते हैं। चम्बल नदी के रामेश्वर घाट (रेंज पाली घाट घड़ियाल प्रतिबंधित क्षेत्र) में काफी घडियालों का प्रजनन हुआ है। शाकाहारी जीवों में है शामिल : घड़ियालों की गिनती शाकाहारी जीवों में की जाती है। यह अपनी विशेष आवाज के माध्यम से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मण्डरायल क्षेत्रीय वनाधिकारी टिंकू भान व रामेश्वर (रेंज पाली चम्बल घाट - सवाईमाधोपुर) के फोरेस्टर गणपत चौधरी ने बताया कि घडियालों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं।

तेज बहाव में रहता खतरा : कई बार घड़ियाल शिशुओं के जन्म के दौरान ही मानसून सक्रिय हो जाने से उनकी जान को खतरा रहता है। क्योंकि नदी में पानी का तेज बहाव शुरू हो जाता है। घड़ियाल शिशु बहाव में बहकर धौलपुर (राजस्थान) के चम्बल नदी सीमा क्षेत्र पार कर इटावा (मध्यप्रदेश) से निकल कर बंगाल की खाड़ी के खारे पानी में पहुंच जाते हैं। वहां ये जीवित नहीं रह पाते। हालांकि अंडो से निकले शिशु घड़ियाल बरसात आने तक अच्छी प्रकार विकसित हो जाएंगे। जिससे वे नदी के तेज बहाव में नहीं बह पाएंगे।