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Karoli कृत्रिम गर्भाधान में करौली जिला अव्वल, पशुपालकों को मिलेगा लाभ

 
Karoli कृत्रिम गर्भाधान में करौली जिला अव्वल, पशुपालकों को मिलेगा लाभ
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली राज्य में कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देकर उन्नत नस्ल के पशु तैयार किए जा रहे हैं। वहीं करौली जिला कृत्रिम गर्भाधान में अव्वल स्थान पर है तथा लक्ष्य से अधिक सफलता अर्जित की है। गौरतलब है कि पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में सभी जिलों के पशु चिकित्सा अधिकारियों ने अपने अपने जिले का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया। डॉ. शर्मा ने राष्ट्रीयकृत तथा विभागीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान बताया कि विभागीय कृत्रिम गर्भाधान में करौली जिले ने लक्ष्य से अधिक सफलता प्राप्त की है।

विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. गंगासहाय मीना ने बताया कि विभागीय लक्ष्य 78 हजार 480 के मुकाबले 1 लाख 10 हजार पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है। इसके लिए जिले के सभी 10 नोडलों में समय-समय पर बैठकों का आयोजन कर अधिकारी-कार्मिकों को निर्देशित किया गया। इसके साथ ही नियमित रूप से लिक्विड नाइट्रोजन की आपूर्ति की गई। विभाग के उप निदेशक तथा कृत्रिम गर्भाधान के जिला नोडल अधिकारी डॉ. राजेश जादौन ने बताया कि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पशुपालकों के साथ गोष्ठियों का आयोजन कर कृत्रिम गर्भाधान के लाभों से अवगत कराया। इसके अलावा कलक्टर के निर्देशन में रात्रि चौपाल के माध्यम से किसानों व पशुपालकों को व्यक्तिगत रूप से अपने पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराने के लिए प्रेरित किया जिससे अधिकाधिक फीमेल पशु का जन्म हुआ। साथ ही प्रतिदिन मोबाइल यूनिट द्वारा 10 कैंप आयोजित किए गए।

पशु कल्याण पखवाड़ा 14 से 30 जनवरी तक, अनेक कार्यक्रम होंगे: संयुक्त निदेशक डॉ. गंगासहाय मीना ने बताया कि शासन सचिव डॉ. शर्मा के निर्देशानुसार 14 से 30 जनवरी तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इसके अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर पशु चिकित्सा शिविर, पशु कल्याण गोष्ठी, पशु कल्याण जन जागृति रैली आदि कार्यक्रमों का आयोजन कर जीव जंतुओं के कल्याण के प्रति आमजन में जागृति तथा पशु क्रूरता निवारण के लिए वातावरण निर्माण का कार्य किया जाएगा।