Karauli-Dholpur Loksabha Election 2024 Result लोकसभा चुनावों की मतगणना में भाजपा कांग्रेस से इतने वोट आगे या कांग्रेस भाजपा से इतनी आगे या ये कैंडिडेट इससे इतना आगे
करौली-धौलपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान की करौली-धौलपुर लोकसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सबसे नजदीकी मुकाबला देखने को मिला था, लेकिन बीजेपी इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रही थी. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस लोकसभा सीट पर बीजेपी ने इस बार इंदू जाटव को टिकट दिया था. वहीं कांग्रेस के टिकट पर राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव चुनाव मैदान में थे. आज चुनाव के रिजल्ट घोषित होने के बाद सामने आ जाएगा कि इस बार जनता ने इस सीट से किसको चुन कर संसद भेजा है. राजस्थान की करौली-धौलपुर सीट में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान पूरे हुए. लेकिन सीट पर मतदाताओं की बेरुखी की वजह से वोट प्रतिशत में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है. पहले चरण में 19 अप्रैल को संपन्न हुए मतदान में कुल 49.29 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर में तो वोटिंग प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा रहा.
2019 में क्या रहे नतीजे
साल 2008 के परिसीमन में गठित हुई इस लोकसभा सीट पर 2008 में हुआ पहला चुनाव भले ही कांग्रेस ने जीता, लेकिन उसके बाद साल 2014 और 2019 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई. इस सीट से दोनों बार डॉ. मनोज राजोरिया सांसद चुने गए. साल 2019 के चुनावों में मनोज राजोरिया को कुल 5 लाख 26 हजार 443 वोट मिले थे. जबकि उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार कांग्रेस के संजय कुमार जाटव को 4 लाख 28 हजार761 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी ने भी इस सीट से उम्मीदवार उतारा था, लेकिन बसपा महज 25 हजार वोटों में सिमट कर रह गई थी. इस बार करौली धौलपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल पंजीकृत पुरुष मतदाता करीब 8 लाख 45 हजार 665 हैं और महिला मतदाताओं की संख्या भी 7 लाख तीन हजार है.
कहां कितनी हुई वोटिंग
आठ विधानसभा सीटों वाले इस लोकसभा सीट पर सर्वाधिक 55.41 प्रतिशत मतदान भी धौलपुर में हुआ. इसी कड़ी में जिले के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में 51.25 प्रतिशत, बसेड़ी में 50.10 प्रतिशत और राजाखेड़ा में 53.25 फीसदी वोटिंग हुई. उधर, करौली जिले में सर्वाधिक वोटिंग हिंडौन विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत हुई. वहीं करौली में 47.21, टोडाभीम में 46.30 और सबसे कम सपोटरा में 43.20 प्रतिशत वोटिंग हुई.
क्यों हुई कम वोटिंग
इस लोकसभा सीट पर वोटिंग प्रतिशत गिरने के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं. हालांकि एक वजह खेती किसानी और शादी का मौसम और तेज गर्मी भी है. दरअसल 19 अप्रैल को जब इस लोकसभा सीट पर वोटिंग हो रही थी, उस दिन गर्मी खूब पड़ी. वहीं उस दिन काफी लोग शादी समारोह में व्यस्त होने की वजह से बूथ तक नहीं पहुंचे. खासतौर पर ग्रामीण इलाके में खेती किसानी में व्यस्त होने की वजह से भी वोटर्स मुश्किल से बूथ तक पहुंच सके थे.
