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Karoli मातृ-शिशु इकाई में 30 लाख रुपए की लागत हो रहा एचडीयू वार्ड का निर्माण

 
Karoli मातृ-शिशु इकाई में 30 लाख रुपए की लागत हो रहा एचडीयू वार्ड का निर्माण
करौली न्यूज़ डेस्क, जिला चिकित्सालय में बच्चों को भी सघन चिकित्सा सेवा मिल सकेंगी। इसके लिए चिकित्सालय की मातृ-शिशु इकाई में एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) वार्ड बनाया जा रहा है। करीब 30 लाख रुपए की लागत से बन रहे वार्ड में बच्चों को गंभीर स्थिति में आइसीयू भांति उच्चीकृत चिकित्सा सुविधा मिल सकेंगी। इससे बच्चों को रोग की जटिलता के चलते रैफर होना नहीं पड़ेगा। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार 250 पलंग क्षमता के जिला स्तरीय चिकित्सालय में 21 बेड का शिशु वार्ड है। इसमें 16 वर्ष तक आयु के बच्चों का सामान्य वार्ड के तौर पर उपचार किया जाता है। चिकित्सालय में शिशु चिकित्सा सेवाओं के अपग्रेडेशन लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत एचडीयू वार्ड स्वीकृत हुआ है। एमसीएच इकाई में पहली मंजिल पर शिशु वार्ड के पास एक हॉल एचडीयू यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। कार्य की गति ठीक रही तो एक माह में यूनिट का कार्य पूरा होने के साथ गंभीर रोगग्रस्त बच्चों को हाई डिपेंडेंसी चिकित्सा सेवाएं मिलना शुरू हो जाएगा।

चिकित्सकों के अनुसार एचडीयू में भर्ती मरीज को जनरल वार्ड में भर्ती मरीज की अपेक्षा अधिक मेडिकल सुविधा दी जाती हैं। जनरल वार्ड में भर्ती मरीज का इलाज करने में परेशानी होने पर उसे एचडीयू में भर्ती किया जाता है। गौरतलब है कि चिकित्सालय से प्रतिदिन 4-5 बच्चों को उच्चीकृत चिकित्सालय रैफर किया जाता है। एचडीयू शुरू होने से बच्चों को स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।

12 बेड का बन रहा वार्ड

चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार एमसीएच यूनिट में 12 बेड का नया वार्ड तैयार किया जा रहा है। इसमें पलंग एचडीयू व 8 बेड आइसीयू के होंगे। वार्ड को एसी डक्टिंग से पूरी तहत वातानुकुतिल बनाया जा रहा है। एनएचएम के तहत 30 लाख रुपए की लागत से शिशु वार्ड में एचडीयू व आईसीयू वार्ड बनाया जा रहा है। वार्ड में एसी डक्टिंग का कार्य चल रहा है। वेंटीलेटर आ गए है। एक माह में वार्ड का संचालन शुरू होने की उम्मीद है।