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राजस्थान के करौली में जल संरक्षण की मिसाल! 8 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि को 13 साल में बनाया उपजाऊ, जाने कैसे हुआ ये चमत्कार

 
राजस्थान के करौली में जल संरक्षण की मिसाल! 8 हजार हेक्टेयर बंजर भूमि को 13 साल में बनाया उपजाऊ, जाने कैसे हुआ ये चमत्कार 

करौली न्यूज़ डेस्क - करौली जिले के मासलपुर क्षेत्र में जल योद्धाओं द्वारा तरुण भारत संघ के सहयोग से नदी व नहरों को पुनर्जीवित करने का अभियान चलाया जा रहा है। इस क्षेत्र के अधिकांश लोग कृषि व पशुपालन पर निर्भर हैं, लेकिन जल संकट के कारण भूमि बंजर होती जा रही थी। जल योद्धाओं ने जल संरक्षण व जल स्रोतों के पुनरुद्धार के लिए अथक प्रयास किए, जिससे यह क्षेत्र फिर से उपजाऊ होने लगा।

भूमिगत जल स्तर में सुधार
पिछले 13 वर्षों में जल योद्धाओं ने 225 से अधिक जल संरचनाएं बनाई हैं, जिससे भूमिगत जल स्तर में सुधार हुआ है। इन प्रयासों के कारण 8,000 हेक्टेयर से अधिक बंजर भूमि फिर से खेती योग्य हो गई है। जहां पहले किसान जल संकट के कारण खेती नहीं कर पाते थे, वहां अब फसलें लहलहा रही हैं, जिससे कृषि उत्पादकता बढ़ी है और किसानों को आर्थिक लाभ मिलने लगा है।

तरुण भारत संघ की महत्वपूर्ण भूमिका
13 वर्ष पहले मासलपुर क्षेत्र के किसान बंजर भूमि को देखकर चिंतित रहते थे और पलायन करने को मजबूर होते थे। जल संकट इतना विकराल था कि कुएं, नहरें और तालाब सूख गए थे। लेकिन जल योद्धाओं के प्रयासों से स्थिति पूरी तरह बदल गई है। खेतों में हरियाली लौट आई है और किसानों के चेहरों पर खुशी दिखाई दे रही है। इस बदलाव में तरुण भारत संघ ने अहम भूमिका निभाई है।

हर गांव में तालाब और एनीकट का निर्माण कराया गया
तरुण भारत संघ के मार्गदर्शन में हर गांव में तालाब और एनीकट का निर्माण कराया गया है। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने बताया कि जल संरक्षण के लिए गांवों में बैठकें आयोजित की गईं, जिससे 800 से अधिक जल योद्धाओं की टीम तैयार हुई। 13 साल पहले जहां कुछ हेक्टेयर जमीन पर ही खेती संभव थी, वहीं आज 8,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर खेती हो रही है। जल संरक्षण के इस सफल अभियान ने किसानों को फिर से खेती की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया है।