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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला! 1 जुलाई से स्कूली पाठ्यक्रम में होने वाले है बड़े बदलाव, पढ़ाया जाएगा वीरों का इतिहास

 
राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला! 1 जुलाई से स्कूली पाठ्यक्रम में होने वाले है बड़े बदलाव, पढ़ाया जाएगा वीरों का इतिहास

भजनलाल सरकार अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी कर रही है। विद्यार्थियों को भारत के गौरवशाली इतिहास से अवगत कराने के लिए नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किए जा रहे पाठ्यक्रम में ये बदलाव किए जा रहे हैं। राजस्थान के स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा में अब महाराणा प्रताप से लेकर छत्रपति शिवाजी जैसे भारत के वीर योद्धाओं और सुभाष चंद्र बोस से लेकर वल्लभभाई पटेल जैसे क्रांतिकारियों और महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत अब विद्यार्थी सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेंगे। 

उन्हें भारतीय संस्कृति, इतिहास, वीर योद्धाओं की वीरता और अपने देश व प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं के बारे में व्यावहारिक और रोचक जानकारी भी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किए गए प्रावधानों के अनुसार तैयार किया गया है। इसी आधार पर पुस्तक लिखी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए आरएससीआईटी उदयपुर की ओर से नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। जिसे इसी सत्र में लागू किया जाएगा। कक्षा 6वीं से 9वीं और 11वीं का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, एनसीईआरटी और एनसीएफ 2023 की मार्गदर्शिका के अनुसार तैयार किया जाएगा। जिसे अगले सत्र 2026-27 में लागू किया जाएगा। वहीं, कक्षा 10वीं और 12वीं का नया पाठ्यक्रम भी तैयार किया जाना है। जिसे सत्र 2027-28 में लागू किया जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

महापुरुषों की जीवनी भी जोड़ी जाएगी
राज्य सरकार के निर्देश पर विद्यालयों के माध्यम से विद्यार्थियों को योद्धाओं और क्रांतिकारियों के बारे में गुणवत्तापूर्ण और सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नए पाठ्यक्रम पर काम किया गया। इनमें कक्षा तीन से ही विद्यार्थी हिंदी, अंग्रेजी और ईवीएस की किताबों में देश और प्रदेश के योद्धाओं और क्रांतिकारियों के बारे में पढ़ना शुरू कर देंगे। इसके बाद विद्यार्थी जब कक्षा पांच में पहुंचेंगे तो पाठ्यक्रम में वीर दुर्गादास, महाराणा प्रताप, दयानंद सरस्वती, छत्रपति शिवाजी जैसे महापुरुषों की जीवनी भी जोड़ी जाएगी।