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झालावाड़-नागौर के बाद राजस्थान के इस जिले में भी मच जाती चीख-पुकार लेकिन टल गया बड़ा हादसा, ढह गई एक और स्कूल की छत

 
झालावाड़-नागौर के बाद राजस्थान के इस जिले में भी मच जाती चीख-पुकार लेकिन टल गया बड़ा हादसा, ढह गई एक और स्कूल की छत 

राजस्थान के झालावाड़ के सरकारी स्कूल के बाद, करौली के सपोटरा ग्राम पंचायत इनायती के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक जर्जर कमरे की छत शुक्रवार रात गिर गई। रात का समय होने और वहाँ किसी के न होने के कारण कोई जनहानि नहीं हुई।सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन और अधिकारी मौके पर पहुँचे और जानकारी ली। प्रधानाचार्य संपतराम मीणा ने बताया कि स्कूल का भवन काफी पुराना है। कमरों की छत और दीवारें जर्जर हो रही हैं। शुक्रवार रात जर्जर कमरे की छत गिर गई, जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। अधिकारी मौके पर पहुँचे और जायजा लिया।

बड़ा हादसा टल गया
उन्होंने बताया कि जर्जर कमरों में एक स्टोर रूम बनाया गया था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने दो दिन पहले ही जर्जर कक्षा से स्टोर सामग्री दूसरे कमरों में स्थानांतरित कर दी थी। कक्षा के एक तरफ कंप्यूटर लैब है। दूसरी तरफ स्टाफ रूम है। रात का समय होने के कारण वहाँ कोई नहीं था, जिससे कोई हादसा नहीं हुआ।आपको बता दें कि क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के भवनों की छतों पर उगी घास हादसों का सबब बनी हुई है। बरसात के मौसम में उगी घास से पानी सूखता नहीं है। यह स्कूल भवन में भरता रहता है। स्कूल प्रशासन अभी भी इससे अनजान है। स्कूलों की दीवारों पर जंगली पीपल आदि कई पेड़ उग आए हैं। जिनकी टहनियाँ गहरी होकर दीवारों के अंदर तक पहुँच गई हैं, लेकिन इन पेड़ों को काटने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अधिकारी मौके पर पहुँचे
स्कूल में कमरे की छत गिरने की सूचना मिलने पर सपोटरा एएसआई नरेंद्र सिंह मौके पर पहुँचे और जानकारी ली। जिसके बाद स्कूलों के जर्जर भवनों की स्थिति के लिए नियुक्त ग्राम पंचायत प्रशासक एवं जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता जगदीश मीणा भी मौके पर पहुँचे। उन्होंने घटना की जानकारी ली।साथ ही उन्होंने प्रधानाचार्य संपतराम मीणा को जर्जर भवन की ओर बालक-बालिकाओं की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए। आपको बता दें कि शुक्रवार 25 जुलाई 2025 को झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई और 28 बच्चे घायल हो गए।