Aapka Rajasthan

Karoli आर्यिका संकल्पमति माता का समाधिमान आचार्य ने 2 नवंबर को ही आर्यिका को दी थी दीक्षा

 
Karoli आर्यिका संकल्पमति माता का समाधिमान आचार्य ने 2 नवंबर को ही आर्यिका को दी थी दीक्षा

करौली न्यूज़ डेस्क, करौली पंचम पट्टधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी द्वारा 2 नवम्बर 2022 को श्री महावीरजी में दीक्षा प्राप्त 78 वर्षीय आर्यिका श्री संकल्प मति माताजी ने यम संलेखन में 14 व्रत और 1 नवम्बर से 24 नवम्बर तक 24 व्रतों में केवल 4 दिन का जल ग्रहण किया और गुरुवार सुबह 5:43 बजे आचार्य श्री वर्धमान सागर जी अरिहंत सिद्ध मंत्रोच्चारण सुनते हुए समाधि में समा गए। जिसके बाद फ्लाइट डोला को निकाला गया। जिसमें आचार्य श्री संघस्थ साधु, आर्यिका श्री सरस्वती मति जी, आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी संघ ने भाग लिया और महावीर जी में कृष्णा देवी आश्रम के निकट प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र परिसर में पंचामृत अभिषेक कर अग्नि संस्कार किया। पीठाधीश वात्सल्य वारिधि 108 आचार्य श्री वर्धमान सागर जी संघ के सहयोग से 105 आर्यिका श्री संकल्पमती जी 6 नवम्बर को संलेखन धारण कर गद्दी पर विराजमान हुए थे।

आचार्य श्री वर्धमान सागर जी क्षपकोतमा आर्यिका श्री संकल्पमती जी को सम्बोधित करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि आप आचार्य श्री शांति सागर जी की गौरवशाली परंपरा में दीक्षित हैं। आपको देव शास्त्रों और गुरुओं के बारे में जागरूक रहते हुए आत्मा और शरीर के अंतर के बारे में सोचते हुए उत्तम समाधि करनी होगी। दीक्षा से पहले आर्यिका श्री संकल्पमती जी का नाम कमला बाई कुणावत था। जिनका जन्म 26 अक्टूबर 1944 को उदयपुर के केशुलाल रतिया और पतासी बाई रतिया के घर हुआ था। 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मोक्ष शास्त्र तक की धार्मिक शिक्षा ग्रहण की। उनके 2 भाई, 5 बहनें थीं। शांतिलाल से शादी के बाद उनके 2 बेटे लोकेश और कमलेश और 2 बेटियां आराधना और वंदना हैं। पूर्व दिशा से सात मूर्तियों का व्रत होता है। कमलाबाई कुणावत (आर्यिका संकल्पमती) शरीर की नश्वरता को समझकर सितम्बर माह में श्री महावीर जी के पास श्रीवारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से दीक्षा के लिए श्रीफल भेंट कर निवेदन करने आयीं। इस बाइक की टक्कर के दौरान उसे फ्रैक्चर हो गया और वह अस्वस्थ हो गई। करीब 57 दिनों के बाद 78 वर्षीय कमला देवी के आग्रह पर 2 नवंबर 2022 को श्री वर्धमान सागर जी ने आर्यिका को महावीर जी में दीक्षा दी। इसके पहले 1 नवंबर को आर्यिका संकल्पमती ने 24 नवंबर तक पानी और अनाज सहित बाकी आहार का त्याग किया था। इस दौरान शुरुआती दिनों में उन्होंने सिर्फ 4 बार वाटर कैच किया।