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Karoli जिले में 125 पेट्रोल पंप बंद रहे, साढ़े 3 करोड़ का कारोबार रहा ठप

 
Karoli जिले में 125 पेट्रोल पंप बंद रहे, साढ़े 3 करोड़ का कारोबार रहा ठप
करौली न्यूज़ डेस्क, करौली   राज्य में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर दो दिवसीय 8 घंटे के सांकेतिक बंद के बाद शुक्रवार को पेट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन की ओर से हड़ताल की गई। जिले भर में विभिन्न तेल कम्पनियों के 125 पेट्रोल पम्पों के बंद रहने से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का कारोबार ठप रहा। वहीं सरकार को 95 लाख रुपए से अधिक के वैट राजस्व का नुकसान हुआ है। इधर हड़ताल से बाहर रहे निजी कम्पनियों के पेट्रोल पम्पों पर वाहनों में ईधन के लिए दिन भर भीड़ लगी रही। पेट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन राधारमन जैन व प्रमोद बंसल ने बताया कि राजस्थान में अन्य राज्यों के समान वैट दर करने की मांग को लेकर प्रदेश स्तरीय आह्वान पर 13 व 14 सितम्बर को दिन में 8 घंटे का सांकेतिक बंद रखा था। राज्य सरकार की ओर से मांग पर ठोस आश्वासन नहीं देने पर शुक्रवार सुबह 6 बजे पेट्रोल पम्प डीलर हड़ताल पर चले गए।

एसोसिएशन के राधारमन जैन ने बताया कि करौली जिले मेे 125 पेट्रोल पम्पों पर प्रति दिन करीब 2.5 लाख लीटर डीजल व 1.5 लाख लीटर पेट्रोल की बिक्री होती है। जिससे 3.5 करोड रुपए का औसत कारोबार होता है। इससे राज्य सरकार को करौली जिले से पेट्रोल पर 31 प्रतिशत व डीजल पर 22 प्रतिशत वैट से एक दिन में 95 लाख रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित होता है। इधर सुबह से ही पेट्रोल पम्प बंद होने से हड़ताल से बाहर रहे निजी कम्पनियों के पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल डीजल के खरीदारों की भीड उमडऩे से कई गुणा आय हुई।

करौली प्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल पम्पों की हड़ताल रही। इसके वाहन चालकों को परेशानी हुई। पेट्रोल पंप संचालक राज्य सरकार से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की मांग कर रहे हैं। हड़ताल को लेकर पेट्रोल पंप संचालकों ने राज्य सरकार उनकी मांगों की अनदेखी करने और अन्य राज्यों से अधिक वैट वसूली के आरोप लगाए। करौली पेट्रोल पंप एसोसिएशन अध्यक्ष उदय सिंह ने बताया कि वैट कम करने की मांग को लेकर पेट्रोल पम्प संचालकों ने दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल रखी। मांग पूरी नहीं होने पर शुक्रवार सुबह से ही पेट्रोल पम्प बंद रख हड़ताल रखी गई। उन्होंने बताया कि कई बार डीजल व पेट्रोल पर वैट कम करने की मांग की गई है,लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। जबकि अन्य राज्यों म वैट कम है।