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Jodhpur शहर में पट्टाशुदा कॉलोनियों में भी जलसंकट, लोग परेशान

 
Jodhpur  शहर में पट्टाशुदा कॉलोनियों में भी जलसंकट,  लोग परेशान
जोधपुर  न्यूज़ डेस्क, जोधपुर  शहर की कई कॉलोनियां गर्मी में भीषण जलसंकट झेल रही हैं। इनमें ऐसी कॉलोनियां भी हैं जो जेडीए से पट्टाशुदा हैं। जेडीए की पट्टाशुदा विवेक विहार कॉलोनी में पीएचईडी ने पानी की टंकी का निर्माण करवाया, लेकिन मौके पर स्थिति यह है कि अभी तक यहां पर पाइपलाइन का कार्य पूरा नहीं हुआ। लोगों को कनेक्शन तक नहीं मिल रहे हैं। इस बारे में पीएचईडी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने भी माना कि अभी तक कनेक्शन देने का कार्य शुरू नहीं किया है।

हैरत की बात तो यह है कि पीएचईडी विवेक विहार कॉलोनी के लोगों के पानी के कनेक्शन की पत्रावलियां तक नहीं ले रहा है। इससे वहां रहने वाले लोगों को मजबूरन हर दो दिन बाद मुंहमांगी कीमत पर पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब पीएचईडी ने पानी की टंकी बनवा दी। साथ ही पम्प हाउस बना दिया तो अब कनेक्शन करने में इतनी देरी क्यों कर रहे हैं। हालांकि यह समस्या सिर्फ विवेक विहार की नहीं बल्कि शहर की कई कॉलोनियों को भी है। जहां पर पानी सप्लाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण लोगों के घर तक कनेक्शन नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते लोगों को पानी के टैंकर मुंहमांगी कीमत में मंगवाने पड़ रहे हैं और हर महीने पानी पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

विभाग के पास कोई प्लानिंग ही नहीं

शहर की आबादी जिस गति से बढ़ रही है और नई कॉलोनियों का विकास हो रहा है, उसे देखते हुए विभाग के पास पेयजल सप्लाई की कोई ठोस प्लानिंग नहीं है। पानी के स्टोरेज के लिए उच्च जलाशय और भूतल जलाशयों की संख्या नाकाफी है। कुल मिलाकर जरूरत के मुताबिक आधारभूत ढांचा जलदाय विभाग के पास नहीं है। ऐसे में पर्याप्त पानी होने के बाद भी पानी के लिए लोग परेशान है।

न अफसर सुन रहे न नेता : क्षेत्रवासी गिरधारी सिंह चारण ने बताया कि विवेक विहार में पीएचईडी की ओर से पानी सप्लाई का सारा कार्य पूरा हो गया है। इसके बावजूद विभाग हमारे पानी के कनेक्शन की पत्रावली नहीं ले रहे हैं। कई बार इस बारे में विभाग के अधिकारियों से बात की, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। इसके अलावा नेताओं को भी इस बारे में अवगत करवाया। बावजूद इसके अभी तक पानी कनेक्शन की पत्रावली नहीं ली जा रही है। चारण ने बताया कि करीब एक हजार लोग आवेदन के लिए तैयार हैं, लेकिन विभाग की ओर से कुछ नहीं किया जा रहा है।