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राजस्थान में बांग्लादेशियों पर कसा शिकंजा! 10 दिन में 300 इ ज्यादा अवैध नागरिकों को किया गया डिपोर्ट, ये जिला बना हॉटस्पॉट

 
राजस्थान में बांग्लादेशियों पर कसा शिकंजा! 10 दिन में 300 इ ज्यादा अवैध नागरिकों को किया गया डिपोर्ट, ये जिला बना हॉटस्पॉट 

भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया राजस्थान में तेज हो गई है। शुक्रवार को 153 और बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेजा गया। जयपुर और सीकर से आए इन बांग्लादेशी नागरिकों को जोधपुर एयरफोर्स स्टेशन लाया गया और विमान से अगरतला भेजा गया, जहां से उन्हें बांग्लादेश भेजा जाएगा। खुफिया एजेंसियों ने पूरी कार्रवाई को गोपनीय रखा है।

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इसी क्रम में शुक्रवार को जयपुर और सीकर से कड़ी पुलिस सुरक्षा में अलग-अलग बसों में 153 बांग्लादेशी नागरिकों को जोधपुर लाया गया, जहां से उन्हें एयरफोर्स स्टेशन ले जाया गया। फिर इन सभी को एयर इंडिया के विमान से अगरतला भेजा गया, जहां से उन्हें बांग्लादेश भेजा जाएगा।

अब तक 301 बांग्लादेशी राजस्थान छोड़ चुके हैं
राजस्थान में अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई के तहत 14 से 23 मई के बीच कुल 301 बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा गया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि निर्वासन के दूसरे चरण में 153 बांग्लादेशी नागरिकों को एयर इंडिया की विशेष उड़ान से जोधपुर एयरपोर्ट से पश्चिम बंगाल भेजा गया। वहां से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) उन्हें बांग्लादेश को सौंपने में मदद करेगी।

पहले चरण में 148 बांग्लादेशी निर्वासित
14 मई को पहले चरण में 148 घुसपैठियों को निर्वासित किया गया था। बांग्लादेश सरकार को अपने नागरिकों के निर्वासन के बारे में विधिवत जानकारी दे दी गई है। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद निर्वासन अभियान में तेजी आई थी। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जिला अधिकारियों को राजस्थान में रह रहे अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लेने के निर्देश दिए थे।

सरकार के आदेश पर कार्रवाई तेज
केंद्र से मिले निर्देशों के क्रम में सीएम के आदेश पर पूरे राज्य में यह अभियान तुरंत शुरू किया गया। कई जिलों में कई घुसपैठिए फर्जी पहचान के साथ रह रहे पाए गए। इस अभियान के दौरान 1,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश के पास वैध भारतीय पहचान दस्तावेज नहीं थे। सूत्रों के अनुसार, जब्त किए गए कई प्रमाण पत्र फर्जी थे और यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि ये दस्तावेज कैसे और किसकी मदद से बनाए गए।

सीकर में सबसे ज्यादा बांग्लादेशी
सीकर से 394 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। अजमेर में 31 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। जयपुर में करीब 218 बांग्लादेशी और अलवर से 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान पाया गया कि सीकर में सबसे ज्यादा अवैध बांग्लादेशी प्रवासी पाए गए। ये घुसपैठिए अपनी पहचान छिपाते हुए कई तरह के कारोबार में लगे हुए थे।

भारत में कबाड़ का काम करते हैं बांग्लादेशी
राज्य भर में गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों में ज्यादातर महिलाएं घरेलू काम में लगी हुई थीं, जबकि पुरुष कबाड़ का काम करने वाले, खदान मजदूर, ईंट भट्टा मजदूर, कूड़ा बीनने वाले और निर्माण मजदूर के रूप में काम करते थे। हिरासत में लिए गए कुछ लोगों की आपराधिक पृष्ठभूमि भी है।

राजस्थान में 6 डिटेंशन सेंटर स्थापित किए गए
राजस्थान सरकार ने कैदियों की आमद को नियंत्रित करने के लिए 6 डिटेंशन सेंटर स्थापित किए हैं। अलवर में एक स्थायी केंद्र स्थापित किया गया है, जबकि झाड़ोल (उदयपुर), मेड़ता (नागौर), बहरोड़ और जयपुर में दो स्थानों पर अस्थायी व्यवस्था की गई है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लक्षित करने वाले विशेष अभियान के तहत ये केंद्र स्थापित किए गए थे। वर्तमान में इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1,008 लोग बंद हैं।