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Kota के बाद आत्महत्याओं का नया गढ़ बना राजस्थान का ये जिला! 9 दिन के में 11 लोगों ने दि अपनी जान, लिस्ट में 2 आर्मी जवान भी शामिल

 
Kota के बाद आत्महत्याओं का नया गढ़ बना राजस्थान का ये जिला! 9 दिन के में 11 लोगों ने दि अपनी जान, लिस्ट में 2 आर्मी जवान भी शामिल 

जोधपुर न्यूज़ डेस्क - बढ़ती चकाचौंध और भागदौड़ भरी इस जिंदगी में कई बार ऐसा लगता है कि जिंदगी पीछे छूट रही है और हम आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक 'बीमारी' भी जड़ जमा रही है, जो मानसिक अवसाद को जन्म दे रही है। मानसिक बीमारी या डिप्रेशन दो अलग-अलग चीजें हैं। मानसिक बीमारी का इलाज तो चलता रहता है, लेकिन डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति सीधे मौत को गले लगा रहा है।

मनोवैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण को समझें
इसके पीछे अगर मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण पर गौर करें तो समाज में आज व्यक्ति अकेला होता जा रहा है और वह मौत को गले लगा रहा है। वहीं अगर ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझें तो पता चलता है कि चंद्रमा के घटते-बढ़ते चरण मानसिक बीमारी को जन्म देते हैं, जो कुछ हद तक गंभीर अवसाद का कारण भी बनते हैं। चूंकि ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है, इसलिए इसके घटते-बढ़ते चरण मानसिक अवसाद को बढ़ाते हैं।

ज्यादातर मामले फांसी लगाकर आत्महत्या के होते हैं। 9-10 के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में कृष्ण पक्ष से चंद्रमा अस्त अवस्था में है और इन 9-10 दिनों में जोधपुर कमिश्नरेट में 11 लोगों ने आत्महत्या की है। ज्यादातर मामले फांसी लगाकर आत्महत्या के हैं। एक मामले में सेना के नायक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है। सेना के हवलदार ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। कमिश्नरेट के पूर्व और पश्चिम जिले में 18 मार्च से 27 मार्च के बीच 11 लोगों ने आत्महत्या की है। हालांकि इन सभी में कारण अज्ञात बताए जा रहे हैं। लेकिन यह भी माना जा सकता है कि मानसिक परेशानी के चलते ये कदम उठाए गए होंगे। अन्यथा सीधे मौत को गले लगाना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

जोधपुर में किस दिन और कहां हुई आत्महत्या?
17 मार्च - सूरसागर के आंबों का बास में वृद्ध कमल किशोर ने फांसी लगाई।
18 मार्च - देवनगर में मसूरिया नट बस्ती में युवक बबलू नट ने फांसी लगाई।
20 मार्च - एयरपोर्ट के शिकारगढ़ इलाके में सेना के हवलदार ने हथियार एवं उपकरण गृह में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
22 मार्च - मंडोर के मगजी की घाटी में अजय कुमार नामक युवक ने फांसी लगा ली।
23 मार्च - विवेक विहार के संगरिया स्थित मामा अचलेश्वर नगर में मुकेश बैरवा नामक युवक ने फांसी लगा ली।
23 मार्च - नागौरी गेट स्थित सरगरा कॉलोनी में राजू सोलंकी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
23 मार्च - करवड़ में सेना के नायक राकेश कुमार ने अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
24 मार्च - विवेक विहार के संगरिया इलाके में एक अज्ञात व्यक्ति ट्रेन की चपेट में आ गया।
24 मार्च - चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर-17 में नीट की तैयारी कर रहे छात्र रोहित भाटी ने फांसी लगा ली।
24 मार्च - माता का थान मदेराना कॉलोनी में ममता नामक महिला ने फांसी लगा ली।
25 मार्च - मंडोर स्थित आरएसी जवान की पत्नी ने उसके क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।