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खुशबू की अंतिम यात्रा में ‘आसमान भी रोया’…अंतिम संस्कार इ फूट-फूटकर रोये परिजन, हर जन ने कहा -'भगवान ऐसा दुख किसी को न दे'

 
खुशबू की अंतिम यात्रा में ‘आसमान भी रोया’…अंतिम संस्कार इ फूट-फूटकर रोये परिजन, हर जन ने कहा -'भगवान ऐसा दुख किसी को न दे'

अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाली खुशबू राजपुरोहित का पार्थिव शरीर रविवार को उनके ससुराल पैतृक गांव खराबेरा पहुंचा। यहां भारी बारिश के बीच उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। परिजनों के साथ ग्रामीणों की आंखें नम थीं। जैसे-जैसे अंतिम यात्रा आगे बढ़ी, बारिश तेज होती गई, ऐसा लग रहा था मानो आसमान भी आंसू बहाकर अंतिम विदाई दे रहा हो। खुशबू राजपुरोहित अपने पिता व अन्य रिश्तेदारों के साथ पैतृक गांव अराबा से लंदन के लिए रवाना हुई थीं। खुशबू के पति विपुल राजपुरोहित लंदन में कार्यरत हैं। 

उनकी शादी महज 5 महीने पहले ही हुई थी और वे शादी के बाद पहली बार लंदन जा रही थीं। लेकिन विमान हादसे ने परिवार की 'खुशबू' को छीन लिया। हादसे के बाद डीएनए सैंपल से पुष्टि के बाद रविवार को शव परिजनों को सौंप दिया गया। रविवार को जब उनकी अंतिम यात्रा उनके ससुराल पैतृक गांव खराबेरा पहुंची तो बड़ी संख्या में ग्रामीण व रिश्तेदार उमड़ पड़े। इस अवसर पर पूर्व विधायक महेंद्र सिंह बिश्नोई, लूणी प्रधान वाटिका राजपुरोहित, हनुमान सिंह राजपुरोहित सहित क्षेत्र के हजारों लोग शामिल हुए।

गांव में नहीं जले चूल्हे
खुशबू राजपुरोहित की मौत का गम इतना था कि ग्रामीणों के साथ-साथ भगवान इंद्रदेव ने भी जल बरसाया। हर ग्रामीण की आंखें नम थीं, गांव में चूल्हे तक नहीं जले। खुशबू का शव जब आंगन में पहुंचा तो कोहराम मच गया। हर कोई यही कह रहा था कि भगवान किसी के साथ ऐसा न करे।

पिता का डीएनए सैंपल लिया गया
लंदन रवाना हुई खुशबू की मौत की पुष्टि डीएनए जांच के बाद हुई। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उसके पिता मदनसिंह राजपुरोहित का डीएनए सैंपल लिया गया, जांच रिपोर्ट आने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। रविवार शाम को शव एंबुलेंस से उसके ससुराल के पैतृक गांव खाराबेरा पहुंचा। फिर यहां से खुशबू की अंतिम यात्रा शुरू हुई।